भजन/भावगीत

मां शारदे *

हम अज्ञानी और अल्प बुद्धि है,
मां शारदे इतना उपकार करो।
हम सब के अन्तर्मन में,
झंकृत वीणा तार करो।

अन्दर ऐसा भाव जगाओ,
जन-जन का उपकार करे।
हम से यदि त्रुटियां हो जाय,
उनको तुम माफ़ करो मां।

निर्मल करके तन मन सारा,
सकल विकार मिटाओ मां।
बुरा न देखें बुरा कहें मत,
विनय मेरी यह स्वीकारों मां।

प्रज्ञा रुपी किरण पुंज तुम,
हम तो निपट अंधेरा हैं।
हर कर अन्धकार तन-मन का,
सब की नैया पार करो मां।।

— कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171