गीत/नवगीत

गीत

कल्प सरीखे बीत रहे दिन ।
रातें कटती तारे गिन गिन ।

जैसे हरियाली बिन सावन ।
जैसे बिना कल्पना के मन ।
जैसे फूल बिना सौरभ के ,
जैसे फूलों के बिन उपवन।

प्रियतम हम ऐसे हैं तुम बिन ।
कल्प सरीखे ……………….

ये विरहा की काली रातें ।
निष्ठुर सपने शूल चुभाते।
गीत ,गजल, मुक्तक ,रुबाई,
– आकर तेरी याद दिलाते ।

भूल न पाये तुमको पल छिन।
कल्प सरीखे…………….

चहुँ दिशि है लोगों का मेला ।
मैं मेले में बहुत अकेला ।
शाम ढले सब ढलने लगता ,
लाती नींद ,निशा की वेला ।

फिर डसती सपनों की नागिन,
कल्प सरीखे ……………….

————-© डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी
जनरल सर्जरी विभाग
बी आर डी मेडिकल कॉलेज
गोरखपुर

*डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

नाम : डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी आत्मज : श्रीमती पूनम देवी तथा श्री सन्तोषी . लाल त्रिपाठी जन्मतिथि : १६ जनवरी १९९१ जन्म स्थान: हेमनापुर मरवट, बहराइच ,उ.प्र. शिक्षा: एम.बी.बी.एस. एम.एस.सर्जरी संप्रति:-वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक, जनरल सर्जरी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ,फतेहपुर (उ.प्र.) पता. : रूम नं. 33 (द्वितीय तल न्यू मैरिड छात्रावास, हैलट हास्पिटल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - तन्हाई (रुबाई संग्रह) उपाधियाँ एवं सम्मान - १- साहित्य भूषण (साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी ,परियावाँ, प्रतापगढ़ ,उ. प्र.द्वारा ,) २- शब्द श्री (शिव संकल्प साहित्य परिषद ,होशंगाबाद ,म.प्र. द्वारा) ३- श्री गुगनराम सिहाग स्मृति साहित्य सम्मान, भिवानी ,हरियाणा द्वारा ४-अगीत युवा स्वर सम्मान २०१४ अ.भा. अगीत परिषद ,लखनऊ द्वारा ५-' पंडित राम नारायण त्रिपाठी पर्यटक स्मृति नवोदित साहित्यकार सम्मान २०१५, अ.भा.नवोदित साहित्यकार परिषद ,लखनऊ ,द्वारा ६-'साहित्य भूषण' सम्मान साहित्य रंगोली पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा । ७- 'साहित्य गौरव सम्मान' श्रीमती पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति बरेली द्वारा । ८-'श्री तुलसी सम्मान 2017' सनातन धर्म परिषद एवं तुलसी शोध संस्थान,मानस नगर लखनऊ द्वारा ' ९- 'जय विजय रचनाकार सम्मान 2019'(गीत विधा) जय विजय पत्रिका (आगरा) द्वारा १०-'उत्तर प्रदेश काव्य श्री सम्मान' विश्व हिंदी रचनाकार