हमीद के दोहे
बाल न बांका हो कभी, टूटे ज़रा न आस। पालन हारे पर रखे , मानव जो विश्वास। झेलेंगे हमले नये
Read Moreबाल न बांका हो कभी, टूटे ज़रा न आस। पालन हारे पर रखे , मानव जो विश्वास। झेलेंगे हमले नये
Read Moreतुझे ढूंढने निकले थे हम और देखो खुद को खोकर आये हैं जब जब दूसरों को सम्भाला तब तब ही
Read Moreचले चलना चले चलना कभी कमजोर मत पड़ना बिछे हों राह में कांटे उन्हें तुम रौंद के चलना। चले चलना
Read Moreइंतजार के उस मौसम में ,तेरी यादें महकाती थी । अक्सर जो दिल बोझिल होता ,आ चुपके सहला जाती थी
Read Moreआर्यसमाज में मेरे 19 वर्षों का अनुभव (आज 28/11/2019 को जन्मदिवस के अवसर पर आप सभी मित्रों का मंगल कामना
Read Moreदेश का सबसे पुराना और ऐतिहासिक विवाद जिसके कारण देश की राजनीति में भी कई रोमांचकारी मोड़ आते रहे अब
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