कविता

हारने के लिए दिल है

हारने के लिए दिल है और,

जीतने के लिए जमाना है।
जो जीत गया इस दिल से,
ये दिल उसी से तो हारा है।
दिल के इस गुलशन को,
कभी तेरी ख्वाहिशों ने तो।
कभी तेरी खिलखिलाती,
महकती यादों ने संवारा है।
तुझसे ही है दुनिया ये मेरी,
तू ही तो जीने का सहारा है।
तेरा साथ ही सनम हमको,
इस जमाने में सबसे प्यारा है।
दिल में दर्द के काफिले है,
जो तेरी रहमत से मिलें है।
तेरे इश्क के दर्द के अलावा,
कोई और दर्द ना गवारा है।
— आरती त्रिपाठी

आरती त्रिपाठी

जिला सीधी मध्यप्रदेश