सामाजिक

अफसोस मनाते लोग

आज सुबह जब मेरी नींद खुली तमाम न्यूज चैनलों पर प्रियंका रेड्डी का अफसोस मनाते लोग दिखे फेसबुक पर भी कितना अफसोस करोगे कितनी मोमबत्तियां जलाओगे। कुछ मानसिक रोगियों ने नाक में दम कर रखा है रोज हर दिन बलात्कार के केस सुनने में आते है

खून खौलता है दर्द शब्दों से बरसता है दिल ही दिल में कोई घाव रिसता है अजीब सी दुर्गंध का अहसास होता है इन बलात्कारियों के लिए मन वितृष्णा से भर उठता है कितना लाचार हो चुके हैं हम सब जानते है की किसने गल्ती की गुनाह सामने है गुनहगार सामने है पर सजा नहीं दे सकते हमारी ही बहनें है हमारे देश की बेटियां जो मारी जा रही हैं ये सब कब थमेगा कब तक यही चलता रहेगा एक प्रियंका नहीं यहाँ हर दिन ना जाने कितनी प्रियंका दम तोड़ रही हैं बलात्कारियों को मौत की सजा देना शुरु तो करो दो को सजा होगी हजार लोग सुधर जायेंगें मेरे गले के नीचे निवाला नहीं उतर रहा क्यों आखिर कयों और कब तक नेता मंत्री खामोश क्यू है जब द्रोपदी का चीर हरण हुआ तब भी सारी सभा खामोश बैठी थी तब भी राजा अंधा था जानता था सब पर बोलता नहीं था आज भी वही हाल है रोज द्रोपदी का चीर हरण हो रहा प्रजा त्राहि-त्राहि कर रही और हमारा राजा सो रहा है क्या?? कौन कृष्ण बनेगा इन बहनों के लिए कब समाज मे कृष्ण पैदा होंगे सजा दो या सजा देने का हक दो।।।
— आयुष त्रिपाठी

आयुष त्रिपाठी

भोपाल मध्य प्रदेश