सामाजिक

भोजन करना इंसान की अपनी निजी पसंद

शाकाहारी और मांसाहारी भोजन करना इंसान की अपनी निजी पसंद होती है| देखा जाए तो शाकाहारी भोजन में स्वास्थ्य के लिए उपयोगी पोषण तत्व रहते ही है |शाकाहारी भोजन को विदेशों में पसंद किया जाने लगा है | शाकाहार शरीर और मन मानवीय संवेदनाओं का सही रूप में पहचान करवाता है | शाकाहार बीज,वनस्पतियों से बनाए गए आहार को शाकाहार कहा जाता है | इसका उपयोग हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है | भोजन तत्व की हमारे शरीर को आवश्यकता होती जैसे प्रोटीन,वसा ,ऊर्जा (कैलोरी )चाहिए वो शाकाहारी भोजन से पूर्ण हो जाती है |प्राचीन समय से ही जीवन शैली में शाकाहारी भोजन स्वस्थ्यता का प्रतिक माना गया है |विकसित देशों का झुकाव इस और बढ़ा और उनमे भी शाकाहारी भोजन का अनुसरण करने की सोच विकसित होने लगी है |मांसाहार की तुलना में शाकाहार सस्ता और सुलभ होता है |शाकाहारी भोजन शीघ्र पच कर बिमारियों को आने से रोकता है | स्वस्थ चित मन ,तामसी प्रवृति को दूर करने हेतु शाकाहार भोजन को प्राथमिकता देना आवश्यक है ताकि शरीर में प्रतिरोध क्षमता बढ़कर जीवन में स्वस्थ्यता का लाभ प्राप्त किया जा सकें |

— संजय वर्मा ‘दॄष्टि’

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच