(1)दिन शीतल
कोहरे में मकान
झड़ती ओस
(2)धरती गीली
भीगे पेड़ मकान
ठिठुरे तन
(1)दिन शीतल
कोहरे में मकान
झड़ती ओस
(2)धरती गीली
भीगे पेड़ मकान
ठिठुरे तन
आतकंवाद ज्वलंत समस्या समाधान हो आतंक मिटे आतंकवादी मरें बढ़े शान हो — नवीन कुमार जैन
1. ये बादल तो प्रकृति का सौगात जीवन कूल 2. बादल है या इश्क़ की पेचीदगी मन व्याकुल 3. बादल है या बारिशों का समुंद्र सावन झूमे 4. जब छाये ये तब मालूम होता इश्क़े उन्माद 5. छंट जाये […]
चुनावी हाइकु 01 – इस चुनाव आदमी तो आदमी गधे भी खुश । 02 – अपने साथ अपनों को गिराया इस चुनाव। 03 – स्वार्थ उनका हम सब पिसते हर चुनाव। 04 – पाक है साफ उनके लिए अब लोभ सप्रा का। 05 – गधे गैंडे भी प्रचार पा गये हैं इस चुनाव।