उम्मीद
चौराहे पर भीख माँगते 8-10 साल के उस बच्चे को देख अनायास ही पूछ बैठी वो – भीख क्यों मांग रहे हो स्कूल क्यों नही जाते?
आप पढ़ायेगी मुझे ऑन्टी ?
आशा के विपरीत उम्मीद से भरे इस प्रश्न ने उसे हड़बड़ा दिया- अररे मैं कैसे ……..?
तभी उसकी बस आ गई और तेजी से चढ़कर उसने सुकून की सांस ली।
— अंजू अग्रवाल