कविता

विरोध क्यों

देखो हद हो चली वेशर्मी की
भारतीय प्रमाणपत्र मिलने का
विरोध भी उमर आया
वोट की लालच में जहाँ-तहाँ बंद करवाया।
पहले आया राशन कार्ड
फिर आया वोटर कार्ड
पुनः आया आधार कार्ड
फिर आया पैन कार्ड
किसी ने विरोध न जताया
अब भारतीयता का प्रमाण
मिलने पर क्यों शोर उमर आया?
लोगो की आधी जीवन
बीत रही कार्ड बनवाने में
दफ्तरों के बाबूओं की ठाठ चढ़ी
शाम बीत रही मैखाने में।
एक धर्म हो एक जात हो
एक कार्ड हो वो हो भारतीयता
एक झंडा के नीचे जीवन बीते
यही है भारतीय सभ्यता।
वोट की खातिर न बँटो कोई
बंद का भागीदार न बनो कोई
ये ऐसे ही भटकायेंगे
अंत में अंधेरो का मशाल ही पकडाएँगे।
— आशुतोष

आशुतोष झा

पटना बिहार M- 9852842667 (wtsap)