हास्य व्यंग्य

हम नंबर वन थे और हैं

दिल में आया कि आपको फोन करके नववर्ष की शुभकामना दूं। तभी दूसरा प्रश्न दक्ष हो गया कि आपने मुझे शुभकामना नहीं दी फिर मैं आपको शुभकामना क्यूँ दूं?
वैसे भी नववर्ष की शुभकामना देना या लेना यह ढोंग हम ना जाने कब से करते आ रहे हैं। मार्डन युग में नया साल मुबारक हो कहना भी बेहूदगी लगता है। वैसे हमने सन् 2019 में भी बहुत लोगों को शुभकामनाएं दी थी जिनको दी वो अब दुनिया में नही हैं,जिनको शुभकामना नही दी थी वे अभी साथ में चाय पीकर अपने घर गए हैं,ठंडी ज्यादा पड़ रही है शाम को फिर हमारे घर चाय पीने आएंगे।
मेरा बस चले तो मैं नववर्ष की शुभकामना देने को गैर कानूनी घोषित कर दूं। नववर्ष की शुभकामनाओं पर सख्त पाबंदी लगा दूं। जो भी शुभकामना देते या लेते पकड़ा जाये उसे तिहाड़ जेल भिजवा दूं।
“नये साल की शुभकामनाएं” नामक यह दिखावा किसलिए?और क्यों??
नया कलेण्डर घर में आएगा और साल बदलेगा,
शिकार और शिकारी वही रहेंगे केवल जाल बदलेगा।
महगाई वहीं रहेगी जहाँ वो रहती आई है। बड़े से बडे़ नेताओं का मुंह काला करने वाला कालाधन वहीं रहेगा जहाँ वो सालों से सुप्त अवस्था में है।ट्रेन में वेटिंग लिस्ट लंबी थी और इस वर्ष भी रहेगी,चौराहे पर ट्राफिक जाम था वो रहेगा ही भुखमरी,गरीबी,चोरी,रहजनी,डकैती,लूटपाट,ब्लात्कार, बेरोजगारी,कुपोषण,में हम नंबर वन थे रहेंगे।क्योंकि हम भारतीय नंबर दो के नाम से ही घबरा जाते हैं।हमे नंबर वन पर भरोसा है और हमें नंबर वन पर ही रहना पसंद है।हमारे देश के अमीर अन्य देशों के अमीरों से अमीरी में नंबर वन हैं।हमारे देश के गरीब अन्य देशों के गरीबों से गरीबी में नंबर वन हैं। हम किसी को बढ़ता हुआ देखकर जलने में नंबर वन हैं।हम दूसरों में कमियाँ ढूँढ़ने में नंबर वन हैं।दंगा करके हम राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में नंबर वन हैं।हम यहाँ वहाँ गंदगी फैलाने में नंबर वन हैं।
ऊपरी मंजिल में रहते हैं ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले कभी पानी की किल्लत की शिकायत ना करें इसलिए बालकनी में कपड़े सुखाने में नंबर वन हैं।
हम वनों की अधाधुंध कटाई एवं नदियों को प्रदूषित करने में नंबर वन हैं।हम सभी ने मिलकर मेहनत की और हम भ्रष्टाचार में भी नंबर वन हैं।हम लफ्फाजी में नंबर वन हैं।दूसरों की बहन बेटियों और पड़ोसन को ताड़ने में नंबर वन हैं।हम बेमतलब की बातों में बत्तीसी निपोरने में नंबर वन हैं।लोगों के काम में टांग अड़ाने में नंबर वन हैं। हम झूठ बोलने में नंबर वन हैं।बिजली का बिल लेकर भी बिजली विभाग बिजली ना देने में नंबर वन है।
जल बोर्ड हमे शुद्ध शीतल पेयजल के नाम पर सीवर लाईन का मिक्स पानी देने में नंबर वन है।हमारे यहाँ के किसान आत्महत्या करने में नंबर वन हैं। हम झोलाछाप डाक्टरों की बढ़ती संख्या में नंबर वन हैं।किसी को मुसीबत में पड़ता देख हम वहाँ से खिसकने में नंबर वन हैं। पड़ोसी की तरक्की देख सिसकने में नंबर वन हैं।नशे के कारोबार में हम नंबर वन हैं।
हमारे राष्ट्र के भाग्य विधाताओं का आभार वो हमें झूठे सपने दिखाने में नंबर वन हैं और हम झूठे सपने देखने में नंबर वन हैं। बीते हुए वर्ष में हम जिस तरह नंबर वन थे। भगवान करे इस नये वर्ष में हम इस तरह नंबर वन ना रहें।
किसी वरेण्य रचनाकार की दो पंक्तियाँ याद आ रही हैं-
बीते हुए पल अपने सिसकते हुए बीते
कुछ ऐसा करना ये वर्ष हंसते हुए बीते।
— आशीष तिवारी निर्मल 

*आशीष तिवारी निर्मल

व्यंग्यकार लालगाँव,रीवा,म.प्र. 9399394911 8602929616