गीत/नवगीत

तुझको कोटि नमन उन्नीस

मिला बहुत खोया तनिक,
                    प्यारा   वर्ष   उनीस।
करो  पूर्ण  हर  कामना,
                    सादर स्वागत बीस।।
तीन सौ सत्तर का कलंक तूने माथे से धोया था।
काश्मीर की धवल कड़ी को लेकर हार पिरोया था।।
मर्दों की मनमानी के वो तीन तलाक मिटा डाला।
इसी साल में बंद हो गया महिलाओं के संग हलाला।।
लगा  न कोई लागत फीस।
तुझको कोटि नमन उन्नीस।।
दुश्मन के घर में घुसकर सेना ने कैम्प उजाड़ दिया।
पी ओ के  के सीने पर इक धवल तिरंगा गाड़ दिया।।
चूम लिया चंदा का चेहरा अंतरिक्ष में इसरो ने।
धरती ने यूँ जश्न मनाया जैसे भूले- बिसरों ने।।
बोल उठी ये सदी इक्कीस।
तुझको कोटि नमन उन्नीस।।
सी ए ऐक्ट डरा डाला है घुसपैठी नापाकों को।
घर में छुपे हुए भेदी को आस्तीन के साँपों को।।
और कई धाराओं पर भी बेहतर चर्चा जारी है।
बलात्कारियों के सम्मुख अब खड़ी हो गई नारी है।।
जनता  रही  हाथ को मीस।
तुझको कोटि नमन उन्नीस।।
सकल घरेलू उत्पादों में पहले से हम पिछड़ गये।
राष्ट्रवाद को हल करने में अर्थवाद में उखड़ गये।।
किन्तु नहीं अफसोस हमें हैं अपनी छोटी चूकों पर।
जल्दी ही काबू पा लेंगे छोटी- मोटी चूकों पर।।
भला करेंगे  हरि  जगदीश।
तुझको कोटि नमन उन्नीस।।
चेहरे सारे साफ हो गए चमचों एवं भक्तों के।
वर्षों  से  जो  छुपे हुए थे गुंडागर्दी दस्तों के।।
जनता देख रही है सारे नेताओं के गोरख धंधे।
राजनीति की लाशों को अब नहीं मिलेंगे घर के कंधे।।
जन जन बनता न्यायाधीश।
तुझको कोटि नमन उन्नीस।।
— डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 Awadhesh.gvil@gmail.com शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन