मुक्तक/दोहा

नववर्ष २०२०

नवनीत नयन के नव उपवन मे, वृक्ष नये आरोपित हो।
हर्षित हो हर जन का जीवन , मन्त्र मुग्ध आलोकित हो।।
ज्ञानपृष्ठ भी विकसित हो, भाषा का संचार बढ़े।
उज्ज्वल छवि हो भारत की, और आभा का विस्तार रहे।।
— मोहित शुक्ल 

मोहित शुक्ल

B.Sc. NDUAT Kumarganj ayodhya ग्राम -बरौला लखीमपुर खीरी