राजनीति

क्या है एनपीआर ?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर  (एनपीआर) एनपीआर का पूरा नाम ‘नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर’ है  है इसके तहत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा । कर्मचारी देशभर में घर-घर जाकर नागरिकों से जानकारी एकत्रित करेंगे । सरकार ने स्पष्ट किया है कि एनपीआर अपडेशन के दौरान व्यक्ति द्वारा दी गई जानकारी को ही सही माना जाएगा, उसे कोई दस्तावेज नहीं देना होगा । नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) देश के निवासियों का एक रजिस्टर है । इसे नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीयन और राष्ट्रीय पहचान) नियम 2003 के प्रावधानों आधार पर स्थानीय (ग्राम/कस्बा/तहसील) /उपजिला/जिला/राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है । भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए नेशनल पापुलेशन रजिस्टर में पंजीयन कराना अनिवार्य है  । एन.पी.आर के लिए नागरिक की जो परिभाषा तय की गई है, उसके मुताबिक जो व्यक्ति पिछले 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा हो या एक व्यक्ति जो वहां अगले 6 महीने या उससे ज्यादा निवास करने का इरादा रखता है, उसे नागरिक माना जाएगा । राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का उद्देश्य देश में रहने वाले प्रत्येक निवासी की पहचान का एक व्यापक डाटाबेस तैयार करना है। डाटाबेस में नागरिकों की जनसांख्यिकी जानकारी दर्ज की जाएगी । इसका एक मकसद सरकारी योजनाओं की पहुंच असली लाभार्थियों तक पहुंचाना भी है । इसमें जो जानकारी मांगी जाएगी वो है  व्यक्ति का नाम,घर के मुखिया से रिश्ता,  पिता का नाम, माता का नाम, जीवनसाथी का नाम (शादीशुदा होने पर), लिंग, जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्मस्थान, राष्ट्रीयता, सामान्य नागरिक का वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थायी  निवास का पता, व्यवसाय/गतिविधि, शैक्षणिक योग्यता, वर्तमान स्थिति . देश में हर दस साल में एक बार जनगणना की जाती है । आजादी के बाद से अबतक कुल सात बार जनगणना हो चुकी है । पहली जनगणना साल 1951 में हुई थी । वहीं पिछली जनगणना साल 2011 में हुई थी । फिलहाल 2021 की जनगणना के लिए काम चल रहा है ।

Population of India 2019

एनआरसी (NRC) से कितना अलग है एनपीआर (NPR) ?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं । एन.आर.सी का मकसद देश में अवैध रूप से रह रहे बाहरी नागरिकों की पहचान करना है, वहीं जनसंख्या रजिस्टर का उद्देश्य किसी स्थान पर छह महीने या उससे ज्यादा वक्त से रह रहे निवासियों की जानकारी एकत्र करना है । अगर कोई बाहरी नागरिक भी देश के किसी हिस्से में छह महीने से ज्यादा वक्त से रह रहा हो तो उसका नाम भी इसमें दर्ज होगा ।

आधार और एनपीआर दोनों लगभग एक जैसी ही प्रक्रियाएं हैं ?

नहीं आधार और एनपीआर अलग अलग है . आधार में एक व्यक्ति का रिकॉर्ड रहता है एनपीआर में  पुरे परिवार का रिकॉर्ड रहेगा | आधार एनपीआर में सहयोग कर सकता है अब तक भारत में १२१ करोड़ से ज्यादा का आधार कार्ड बन चूका है इसका मतलब यह है की १२१ करोड़ से ज्यादा भारत की जनसँख्या है  चीन के बाद भारत विश्व में दूसरा स्थान रखता है और कुछ ही सालों में विश्व का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा । विश्व की कुल आबादी का लगभग 18% हिस्सा भारतीय आबादी का है | अभी भी करोडो लोग है जिनका आधार कार्ड नहीं बना |भारत सरकार ने ३५०० करोड़ रूपये एन.पी.आर के लिए आबंटित किये है मोबाइल एप्प के माध्यम से ये प्रक्रिया पूरी होगी |

CAA से कितना अलग है NPR :

CAA अर्थात Citizen Amendment ACT “नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA (अमेंडमेंट) 2019″ यह इस्लामिक देशों में प्रताड़ना झेल रहे अल्पसंख्यक (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) समुदाय अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के सभी प्रताड़ित हिंसा के शिकार अल्पसंख्यक लोगो को भारतीय नागरिकता पाने और ऐसे सभी शरणार्थी जो छह साल से भारत में रह रहे हैं, उन्हें यहां की नागरिकता देने का एक्ट है |  अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश ये तीनों देशों ने स्वयं को इस्लामिक देश घोषित किया है बाकि धर्मों के लोगो को वहाँ का दुसरे दर्जे का नागरिक समझा जाता है जिससे आये दिन रोज वहां के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक हिंसा के शिकार होते रहते है | उनके मानवीय अधिकारों को ही वहां छीन लिया गया  है | इसका भारत में होनेवाले एन.पी.आर (NPR ) से कोई लेना देना नहीं है | ये दोनों ही बहुत अलग है |

राजनीती क्यों हो रही है ?

२०१९ में मोदी सरकार पूर्ण बहुमत से जीतकर फिरसे लोकसभा में आई है ३०३ अकेले बीजेपी को मिली और सहयोगियों की मिलाकर ३५० के पार हो गयी . इसकी कल्पना भी विपक्ष ने नहीं की थी |  इससे विपक्ष पूरी तरह से घबराया हुआ है उनके हाथ से उनका वोट बैंक दूर जाता हुआ नजर आ रहा है | मुस्लिम वोट बैंक विपक्ष का सबसे महत्वपूर्ण वोट बैंक है और इसी वोट बैंक के गट्ठे वोट वापस पाने के लिए इन सब बातों पर राजनीती देश में दंगे और हिंसा हो रही है | CAA , NPR, NRC इन सबका देश के रहवासी मुस्लिमों से कोई लेना देना नहीं है |

महेश गुप्ता

नागपुर से हूँ. एक आईटी कंपनी में अकाउंटेंट के रूप में कार्यरत हूँ . मेरा मोबाइल नंबर / व्हाट्स अप्प नंबर ८६६८२३८२१० है. मेरा फेसबुक पेज https://www.facebook.com/mahesh.is.gupta