कविता

रवीश कुमार की किताब

डेरा तो शहर है गांव ही घर है
सच को सच की तरह लिखा,
शहर को शहर की तरह लिखा
गांव को धरोहर की तरह लिखा,
मिट्टी से  खेत खलिहान लिखा
जमीन से खुली आसमान लिखा,
इश्क से नफरत की आग लिखा
दर्पण जैसे किताब तक लिखा
बेहिसाब बेबाक तक लिखा,
कुछ भी हो साहब ने
लाजवाब एक अंदाज लिखा।।
— अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल as223107@gmail.com indabhi22@gmail.com