गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

एक तरफ शंख बजे दूजी तरफ अजान है
यही पुल तो कौमी एकता की पहचान है
हो जाते हैं आपस में सभी कौम के एक
जब जब भी गीता से मिलती कुरान है
होती नहीं धर्म मजहब की कभी लड़ाई
पास इनके एकता की मजबूत चट्टान है
अनेकता में एकता का देख तू यह मिलन
हर कौम के होठों पर प्यार की मुस्कान है
कर नहीं सकती जुदा इन्हें कोई ताकत
इनके पास वन्देमातरम का गान है
करता नहीं ‘रमेश’ तो मन्दिर मस्जिद में भेद
उसकी निगाह में दोनों एक ही समान है
— रमेश मनोहरा

रमेश मनोहरा

शीतला माता गली, जावरा (म.प्र.) जिला रतलाम, पिन - 457226 मो 9479662215