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विशेष सदाबहार कैलेंडर- 147

                                       राजेंद्र तिवानी के जन्मदिन पर विशेष

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1.जन्मदिन की बेला आई है,
प्रभु ने रहमत की रसधार बहाई है,
सूरज ने तेजोमय किरणों का उपहार भेजा है,
चंदा ने तारों की महफिल सजाई है,
नूर से नहाई चांदनी जन्मदिन मुबारक कहने आई है.

2.गुल ने गुलशन से पैगाम भेजा है,
सूरज ने गगन से सलाम भेजा है,
आंखों में देखे सारे ख्वाब पूरे हों,
यही दिल से हमने पैगाम भेजा है,
जन्मदिन मुबारक हो.

3.चांद ने अपनी चांदनी बिखेरी है,
तारों ने आसमान को सजाया है,
कहने आपको जन्मदिन मुबारक हो,
देखो आज फ़रिश्ता आया है.

4.Birthday की बहार आई है,
आप के लिये ख़ुशियों की Best Wishes लाई है,
आप Smile करो हर दिन
इसलिये आज हमने आपके लिए
विशेष सदाबहार कैलेंडर की विशेष महफिल सजाई है.

5.सुबह की शुद्ध हवाओं के साथ,
सूरज की दमकीली किरणों के साथ,
फूलों की भीनी-भीनी खुशबूओं के साथ,
मुबारक हो जन्मदिन आपको,
एक नए कामयाब दिन की शुरुआत के साथ.

6.आपके जन्मदिन पर दुआ है रब से,
खिलता गुलाब खुशबू दे आपको,
ख्वाब जो देखा है वो पूरा हो आपका,
खुशी का यह लम्हा मुबारक हो आपको.

7.मां-बाप ने मंदिरों में घंटे बजाये थे,
देवताओं ने ऊपर से फूल बरसाए थे,
महक उठा था खुशियों का आँगन
जिस दिन तुम जहां में आये थे,
तारों ने खुशियों के गीत गाए थे.

8.फूलों की तरह महकते रहो,
चिड़ियों की तरह चहकते रहो,
चंदा की तरह चमकते रहो,
सूरज की तरह दमकते रहो,
आज के सुनहरे जन्मदिन की तरह,
अनगिनत सुनहरे जन्मदिन मनाते रहो.

9.फूल खिलते रहें जिंदगी की राहों में,
हंसी चमकती रहे आपकी निगाहों में,
कदम-कदम पर मिले खुशी की बहार आपको,
दिल देता है यही दुआ जन्मदिन पर आपको.

10.मुबारक हो
जन्मदिन की वेला
मंगल मेला.

11.हाथ मजदूर के लग जाएं, तो ये मकान बन जाते है,
हाथ में इन्हें लेकर इंसान भी शैतान बन जाते हैं,
महज जगह का ही फ़र्क है “जीत” इस दुनिया में,
यही पत्थर मंदिर में आकर भगवान बन जाते हैं.

12.खुश रहिए, मुस्कराते-गुनगुनाते रहिए,
प्रेम से खुशियों के गीत गाते रहिए,
आपके जन्मदिवस पर है हमारी शुभकामना,
उड़ान पर उड़ान भरकर ऊंचाइयों को पाते रहिए.

13.कश्ती डाल दी हमने तूफानों में साहिल सहम गए,
हौसले देख हमारे लहरों के इशारे बदल गए.

14.हैं फूलों की दुनिया में फूलों के मेले,
रखें दूर मन से जो उलझन-झमेले,
चलो उलझनों से तनिक पार पा लें,
महकने दें मन को, जगत को महका लें.

15.खुशी से सब्र मिलता है, सब्र से खुशी मिलती है,
परंतु फर्क बहुत बड़ा है,
खुशी थोड़े समय के लिये सब्र देती है,
और सब्र हमेशा के किये खुशी देता है.

16.जब कुछ पल ही मुस्कराने से तस्वीर अच्छी आयेगी,
तो हर पल मुस्कराने से ज़िंदगी कितनी संवर जायेगी.

17.खुद का मान अगर चाहो तो, औरों का भी मान रखो,
कहने को अगर जीभ मिली है, तो सुनने को भी कान रखो.

18.रिश्ते वो बड़े नहीं होते हैं, जो जन्म से जुड़े होते हैं,
रिश्ते वो बड़े होते हैं, जो दिल से जुड़े होते हैं.

19.घर की मां को खुश रखो,
मंदिर वाली मां अपने आप खुश हो जाएगी.

20.परमात्मा कभी भाग्य नहीं लिखते,
जीवन के हर कदम पर,
हमारी सोच, हमारे कर्म ही,
हमारा भाग्य लिखते हैं.

21.जिंदगी की कुछ खास दुआएं ले लो हमसे,
जन्मदिन पर कुछ खास नजराने ले लो हमसे,
भर दे रंग जो आपके जीवन के पलों में,
आज वो प्यारी मुबारकवाद ले लो हमसे.

22.जन्मदिन के ये ख़ास लमहे मुबारक,
आँखों में बसे नए ख्वाब मुबारक,
जिंदगी जो लेकर आई है आपके लिए आज,
वो तमाम खुशियों की हसीं सौगात मुबारक.

23.गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह
आ जाओ ज़िंदगी में नए साल की तरह
~कविता किरण

24.युवकों को-
यह शीत, प्रीति का वक्त, मुबारक तुमको,
हो गर्म नसों में रक्त मुबारक तुमको।

नवयुवकों को-
तुमने जीवन के जो सुख स्वप्न बनाए,
इस वर्ष शरद में वे सब सच हो जाएँ।

बालकों को-
यह स्वस्थ शरद ऋतु है, आनंद मनाओ।
है उम्र तुम्हारी, खेलो, कूदो, खाओ।

~हरिवंशराय बच्चन

25.खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को
नए साल की शुभकामनाएं !
~ सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

26.कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को
हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को
नए साल की शुभकामनाएँ !
~सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

27.नवल हर्षमय नवल वर्ष यह,
कल की चिन्ता भूलो क्षण भर;
लाला के रँग की हाला भर
प्याला मदिर धरो अधरों पर!
~सुमित्रानंदन पंत

28.नया वर्ष
संगीत की बहती नदी हो
गेहूँ की बाली दूध से भरी हो
अमरूद की टहनी फूलों से लदी हो
खेलते हुए बच्चों की किलकारी हो नया वर्ष
~ अनिल जनविजय

29.स्वागत! जीवन के नवल वर्ष
आओ, नूतन-निर्माण लिये,
इस महा जागरण के युग में
जाग्रत जीवन अभिमान लिये
~सोहनलाल द्विवेदी

30.जैसे इश्क़ की ज़बान पर
एक छाला उठ आया
सभ्यता की बाँहों में से
एक चूड़ी टूट गयी
इतिहास की अंगूठी में से
एक नीलम गिर गया
और जैसे धरती ने आसमान का
एक बड़ा उदास-सा ख़त पढ़ा
नया साल कुछ ऐसे आया…
~अमृता प्रीतम

नए वर्ष की अनुपम काव्य-पंक्तियों का यह संकलन हमें हमारे ब्लॉगर भाई डॉ. स्वास्तिक जैन ने भेजा है. डॉ. स्वास्तिक जैन को धन्यवाद के साथ आप सबको नए वर्ष की हार्दिक बधाइयां व शुभकामनाएं.

जन्मदिन के परम पावन अवसर पर राजेंद्र तिवानी को कोटिशः हार्दिक बधाइयां व शुभकामनाएं.

आज प्रवासी भारतीय दिवस भी है.
प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है. इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आये थे. इस दिवस को मनाने की शुरुवात सन 2003 से हुई थी.

प्रस्तुत है पाठकों के और हमारे प्रयास से सुसज्जित विशेष सदाबहार कैलेंडर. कृपया अगले विशेष सदाबहार कैलेंडर के लिए आप अपने अनमोल वचन भेजें. जिन भाइयों-बहिनों ने इस सदाबहार कैलेंडर के लिए अपने सदाबहार सुविचार भेजे हैं, उनका हार्दिक धन्यवाद.

हर सुबह एक नया सदाबहार अनमोल वचन निकालने के लिए आप हमारी इस ऐप कम वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं-

https://www.sadabaharcalendar.com/

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “विशेष सदाबहार कैलेंडर- 147

  • लीला तिवानी

    प्रिय राजू जन्मदिन मुबारक हो

    गुलगस्ते का हर फूल कहता है,
    प्रिय राजू जन्मदिन मुबारक हो
    फूल की हर पंखुड़ी कहती है,
    प्रिय राजू जन्मदिन मुबारक हो
    हर पंखुड़ी की खुशबू कहती है,
    प्रिय राजू जन्मदिन मुबारक हो
    खुशबू का हर झोंका कहता है,
    प्रिय राजू जन्मदिन मुबारक हो
    जन्मदिन मुबारक हो,
    जन्मदिन मुबारक हो,
    जन्मदिन मुबारक हो.
    ममी-पापा

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