बाल कविताशिशुगीत

नन्ही चिड़िया

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नन्ही-सी मैं चिड़िया हूं,
अपनी ममा की गुड़िया हूं,
लगती हूं मैं भोली-सी,
बड़ी गजब की पुड़िया हूं.
अभी तलक मैं उड़ नहीं पाती,
फुदक-फुदक कर चलती हूं,
जब उड़ने की बारी आए,
देखूं कहां निकलती हूं.
ममा ही मेरी टीचर भी है,
बहुत-से पाठ पढ़ाती है,
अपने देश से प्यार करने का,
प्यारा सबक सिखाती है.

 

26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. विदेशों में रहने वाले भारतीय भी इस दिन जश्न मनाते हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया में नज़ारा कुछ अलग होता है.

ऑस्ट्रेलिया में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोग जमा होते हैं और इस दिन जश्न का माहौल होता है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में 26 जनवरी को ‘ऑस्ट्रेलिया डे’ मनाया जाता है.

आइए हम भी इस जश्न कि मिल-जुलकर मनाने के लिए बच्चों के बाल गीत: आपके-हमारे लिखें, ताकि 26 जनवरी को बच्चे अपने स्कूलों और कॉलोनियों में इन गीतों को प्रस्तुत कर सकें. गीत भेजने के लिए पता-

tewani30@yahoo.co.in

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “नन्ही चिड़िया

  • लीला तिवानी

    छोटे-छोटे बालक हैं हम,
    काम मगर करते हैं महान,
    मत समझो कमजोर हमें तुम,
    साहस में ही अपनी शान.

    आंधी-पानी-तूफानों से,
    डर जाएं जो हम वो नहीं,
    बाधाएं कितनी भी आएं,
    हमको उनका गम है नहीं.

    नदियां हों या पर्वत-खाई,
    हमें डरा नहीं पाएंगे,
    ताकत के पुतले बनकर हम,
    आगे बढ़ते जाएंगे.

    हम हैं अपने देश की आशा,
    प्रेम-प्यार है अपनी भाषा,
    दुखीजनों के शूल हटाएं,
    यह ही है अपनी अभिलाषा.

    हममें से थे भगत-हकीकत,
    हममें से थे वीर शिवा,
    गांधी-नेहरू-तिलक-गोखले,
    जो थे देश के स्वप्न दिवा.

    आजादी के हम सैनिक थे,
    अब आजाद देश के वासी,
    आजादी अक्षुण्ण रखने को,
    तन-मन-धन से हम हैं प्रयासी.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    नन्नी चिड़िया बाल गीत बहुत अच्छा लगा लीला बहन .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, रचना पसंद करने, सार्थक व प्रोत्साहक प्रतिक्रिया करके उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन. आप बाल गीत लिखकर भेजेंगे, तो हमें बहुत खुशी होगी. यह हम सबका सम्मिलित प्रयास है. सबको खुला आमंत्रण है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

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