कविता

दोस्ती

दोस्ती की परिभाषा को,
बहुत बार लोगों ने बताया,
मैं कैसे इसे बताऊं,
बहुत गूढ़ है समझाना
तेरी दोस्ती है ,अनमोल ,
दोस्ती दोस्त की ,
भुला देती है,
हर गम ,तकलीफ ,
कोहिनूर होता है,
एक सच्चा दोस्त ,
बचपन गया ,
बचपन के दोस्त भी ,
समय के साथ ,
सारे दोस्त भी ,
छूट गये …
नयी उम्र का पड़ाव
नये दोस्त ,
बहुत प्यारे और सुलझे ,
एक दोस्ती ही तो है ,
जो बिना मतलब के ,
निभायी जाती है,
सारे रिश्ते में ,
एक ये अनोखा ,
प्यारा रिश्ता है ,

— सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।