कविता

मणिकर्णिका घाट

मणिकर्णिका घाट
वह स्थान है
जहाँ चिता की आग कभी नहीं बुझती |
इस घाट में
बड़े-बड़े वीर – बलवान
जलकर राख हो चुके हैं |
जीवन का सत्य
मन का वैराग्य
अगर किसी को जानना हो तो
मणिकर्णिका घाट की यात्रा जीते जी करे…
बड़े-बड़े रहीस
नेता, अभिनेता, धर्मगुरु, उद्योगपति, अफसर, खिलाड़ी
सबको पनाह दे चुका है
मणिकर्णिका घाट !
अगर आपके अन्दर
बल का, सुन्दरता का, धन का, पहुंच का, पॉवर का
झूठा अंहकार जोर मारता है तो,
एक बार मणिकर्णिका घाट का दर्शन करें |
सारी मक्कारी, बेईमानी, अय्याशी
सब हवा में छू मंत्तर हो जायेगी…
बस एक बार
मणिकर्णिका घाट की जलती चिताओं,
उठती लपटों को महसूस करें
अपनी अन्तरआत्मा में !
फिर जीवन शुद्ध – सरल लगेगा |
— मुकेश कुमार उर्फ ऋषि वर्मा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111