गीत/नवगीत

बिन तुम कहाँ होंगे

तुम हो  तो हम हैं, बिन तुम  कहाँ  होंगे।
जाओगे  तुम  जहाँ , हम भी  वहाँ होंगे।
तुम बिन यह जिंदगी, अकेली अधूरी है।
दिल से दिल मिले, मिट गई यह  दूरी है।
बिन तेरे हर महफ़िल में  हम तन्हां होंगे।
तुम हो  तो हम हैं, बिन तुम  कहाँ  होंगे।
तुम से  रोशन है  मेरा आलम यह सारा।
आँखों  में  है  रहता  मेरा  सनम  प्यारा।
तेरी हर रूसवाई  में यह दिल फ़ना होंगे।
तुम  हो तो  हम हैं, बिन  तुम  कहाँ होंगे।
तेरी जुल्फोंके साये मुहब्बतके तसव्वुर हैं।
मेरी  इश्के  रूहानी के  यही तो  रहबर हैं।
हर बार मिलन होगा ,हर अपनें जहाँ होंगे।
तुम  हो  तो  हम  हैं, बिन तुम कहाँ  होंगे।
— शिव सन्याल

शिव सन्याल

नाम :- शिव सन्याल (शिव राज सन्याल) जन्म तिथि:- 2/4/1956 माता का नाम :-श्रीमती वीरो देवी पिता का नाम:- श्री राम पाल सन्याल स्थान:- राम निवास मकड़ाहन डा.मकड़ाहन तह.ज्वाली जिला कांगड़ा (हि.प्र) 176023 शिक्षा:- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लोक निर्माण विभाग में सेवाएं दे कर सहायक अभियन्ता के पद से रिटायर्ड। प्रस्तुति:- दो काव्य संग्रह प्रकाशित 1) मन तरंग 2)बोल राम राम रे . 3)बज़्म-ए-हिन्द सांझा काव्य संग्रह संपादक आदरणीय निर्मेश त्यागी जी प्रकाशक वर्तमान अंकुर बी-92 सेक्टर-6-नोएडा।हिन्दी और पहाड़ी में अनेक पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। Email:. Sanyalshivraj@gmail.com M.no. 9418063995