बाल कविताशिशुगीत

रोज़ डे

टीचर ने मुझको है पढ़ाया,
रोज़ का मतलब होता गुलाब,
मैं भी ममी का गुलाब हूं,
टीचर का भी हूं मैं गुलाब.
रोज़ का मतलब प्रतिदिन होता,
प्रतिदिन पढ़ता-लिखता हूं,
इसीलिए तो रोज़-रोज़ मैं ,
रोज़ डे मनाता दिखता हूं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “रोज़ डे

  • लीला तिवानी

    10 फरवरी

    टेडी डे भाई टेडी डे,
    भैया टेडी लाकर दे,
    टेडी-संग फोटो खिंचवाकर,
    मैं भी मनाऊंगा टेडी डे.
    पिंक-लाल टेडी मत लाना,
    ये तो रंग जनाने हैं,
    नीला और बसंती टेडी,
    मुझको लगते प्यारे हैं

Comments are closed.