कविता

“रौशनी की तलाश जारी है”

कितनी बार डगमगाई कश्ती ,
कितनी बार संभाला है तूने
भंवर में जब भी फंसी नाव मेरी
हर बार आकर निकाला है तूने

तुझसे मिलने कोई जुगत लगाऊं कैसे
तुझको जानू और तुझको पाऊं कैसे
तेरे बारे में मेरा कयास जारी है
तू अगर है रौशनी की मानिंद
तो, रौशनी की तलाश जारी है.

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :raj444singhgkp@gmail.com