भजन/भावगीत

शिवरात्रि के अवसर पर कुछ भजन

शिवरात्रि पर विशेष

भजन-1.

मेरे शिवशंकर की महिमा अपरम्पार
जो शिव का स्मरण करते हैं, उनका बेड़ा पार-मेरे शिवशंकर की————–
1.जटाजूट में सोहे गंगा मस्तक पर है प्यारा चंदा
सर्पों के आभूषण सोहें, सर्पों की है माल-मेरे शिवशंकर की————–
2.वामभाग में गौरां सोहे गोद में गणपत मन को मोहे
नन्दिगण पे करें सवारी, कैलाशों में वास-मेरे शिवशंकर की————–
3.आक-धतूरा शिव को भाते फल-फूलों से खुश हो जाते
कहलाते भोले-भंडारी, चाहें केवल प्यार-मेरे शिवशंकर की————–
4.तीन लोक के शिव हैं स्वामी घट-घट व्यापी अंतर्यामी
सबको सब कुछ देते हैं शिव करते ना इन्कार-मेरे शिवशंकर की————–

(तर्ज़-पिलादे ओ साकी राम-नाम दी मस्ती———–)

भजन-2.

मुझे प्रभु तेरी बगिया में आना है
तेरे फूलों से मन महकाना है-

1.इक फूल हो धीरज का दाता
जो मिल जाए शीश धरूं दाता
तेरी रज़ा में ही शुक्र मनाना है
तेरे फूलों से मन महकाना है-

2.इक फूल हो शांति का दाता
रहूं दूर मैं क्रांति से दाता
भ्रांति में ही शुक्र मनाना है
तेरे फूलों से मन महकाना है-

3.इक फूल संतोष का हो स्वामी
मिले जितना सुखी रहूं हे स्वामी
उतने से ही शुक्र मनाना है
तेरे फूलों से मन महकाना है-

4.इक फूल सहन की शक्ति हो
मिलें कष्ट भले, तेरी भक्ति हो
तेरी भक्ति में मन को रमाना है
तेरे फूलों से मन महकाना है-

5.इक आस दरस की है भगवन
अभिलाष मोक्ष की है भगवन
शिवरात्रि का पर्व मनाना है
तेरे फूलों से मन महकाना है-

(तर्ज़- छड दे, छड दे पीताम्बर राधे जाण दे नी———-)

भजन-3.

गाए जा, गाए जा, गाए जा, तू गीत प्रभु के गाए जा
बनाए जा, बनाए जा, बनाए जा, हर दिन को पर्व बनाए जा-
1.तेरे मन में प्रभु हैं समाए, हर रंग के सुमन खिलाए
रंगाए जा, रंगाए जा, रंगाए जा, प्रभु-रग में मन को रंगाए जा-
2.हर सुबह रवि की लाली, ले आती है खुशहाली
मनाए जा, मनाए जा, मनाए जा, हर पल तू शुक्र मनाए जा-
3.आनंद का रूप हैं दाता, हैं सबके भाग्य-विधाता
बहाए जा, बहाए जा, बहाए जा, आनंद के झरने बहाए जा-
4.प्रभु ने ही जन्म दिया है, पालन-पोषण भी किया जा
पाए जा, पाए जा, पाए जा, प्रभु की कृपा को पाए जा-

भजन-4.

भोले भव से कर दो पार पकड़ लो मेरी बैंयां
पकड़ लो मेरी बैंयां पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
1. मैं पार उतरना चाहूं मुझे राह न कोई सूझे
मेरे दांएं-बांएं सब हैं मेरा हाल न कोई बूझे
शंकर शरण में ले लो आके पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
2.मैं पाप-ताप से हारी मेरी डोल रही है नैय्या
मैं कब से तुझे पुकारूं आ बन जा प्रभु खिवैया
शंकर बन जाओ पतवार पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
3.तुम दीनबन्धु हो दाता मुझको भी तो अपना लो
हे सबके भाग्य-विधाता मेरा जीवन सफल बनादो
कर दो मेरा भी उद्धार पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–
4.हे शिवशंकर-त्रिपुरारी भक्तों के भवभयहारी
हमें अपना दरश दिखाकर प्रभु हरलो विपदा सारी
कर दो इतना-सा उपकार पकड़ लो मेरी बैंयां-भोले भव से कर दो————–

(तर्ज़- सासुल पनिया कैसे जाऊं रसीले दोऊ नैना—-प्रसिद्ध राजस्थानी लोकगीत)

भजन-5.

धन्यवाद है तेरा मेरे भोले जी, काम संवारा मेरा मेरे भोले जी
जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-
1.मुझको तो जब कहीं सहारा मिला हे स्वामी
तुम ही सहारा बनकर आए मेरे अंतर्यामी मेरे भोले जी-
जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-
2.तेरे दर पर जब आई तब छाई थी खुशहाली
ऐसा लगा खिली है मेरी खुशियों की फुलवारी मेरे भोले जी-
जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-
3.तुमने ही सब काम बनाए सोए भाग जगाए
अपनी लगन लगाकर मेरे मन में आन समाए मेरे भोले जी-
जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-
4.मेरी तो नैय्या भी तू है तू ही प्रभु खिवैया
तू ही है पतवार-किनारा भव से पार लगैया मेरे भोले जी-
जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-
5.तुम ही लाज बचाते रहना काम बनाते रहना
अपने चरणों की रज दे निज नाम जपाते रहना मेरे भोले जी-
जय-जय-जय मेरे भोले जी, जय-जय-जय मेरे भोले जी-

(तर्ज़- फुल्लां दी बहार राती आयो ना——–)

शिवरात्रि की कोटिशः हार्दिक बधाइयां व शुभकामनाएं.

हमारे लोकप्रिय भजनों के संग्रह ‘श्री हरि-भजनामृत’ ई.बुक का लिंक-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “शिवरात्रि के अवसर पर कुछ भजन

  • लीला तिवानी

    ओम-नमो शिवाय बोलो ओम नमो शिवाय

    प्रेम से बोलो ओम-नमो शिवाय-

    1.धरती बोले ओम-नमो शिवाय

    अंबर बोले ओम-नमो शिवाय

    सागर बोले ओम-नमो शिवाय-प्रेम से बोलो ओम-नमो शिवाय-

    2.गौरां बोले ओम-नमो शिवाय

    गणपत बोले ओम-नमो शिवाय

    कार्तिक बोले ओम-नमो शिवाय-प्रेम से बोलो ओम-नमो शिवाय-

    3.गौरां का शेर बोले ओम-नमो शिवाय

    गणपत का मूषक बोले ओम-नमो शिवाय

    कार्तिक का मोर बोले ओम-नमो शिवाय-प्रेम से बोलो ओम-नमो शिवाय-

    4.चंदा बोले ओम-नमो शिवाय

    ब्रह्मा बोले ओम-नमो शिवाय

    विष्णु बोले ओम-नमो शिवाय-प्रेम से बोलो ओम-नमो शिवाय-

    5.गंगा बोले ओम-नमो शिवाय

    डमरू बोले ओम-नमो शिवाय

    नंदिगण बोलें ओम-नमो शिवाय-प्रेम से बोलो ओम-नमो शिवाय-

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