गीतिका/ग़ज़ल

होली

गुनगुनाओ  कि  आ  गयी  होली।
खिलखिलाओ की आगयी होली।
हर तरफ  मस्तियों का आलम है,
हिंद आओ  कि आ   गयी होली।
मानिये  मत   बुरा  ज़रा  सा भी,
ग़म भुलाओ  कि आ गयी होली।
खेत  खलिहान और  घर आँगन,
जगमगाओ  कि आ  गयी  होली।
नफ़रतें  भूल  कर   सभी   यारों,
दिलमिलाओ कि आ गयी होली।
दूर  शिकवे   गिले   सभी   होंगे,
मुस्कुराओ  कि आ  गयी  होली।
आज चौपाल  सज  रही आँगन,
रात आओ  कि आ गयी  होली।
— हमीद कानपुरी

*हमीद कानपुरी

पूरा नाम - अब्दुल हमीद इदरीसी वरिष्ठ प्रबन्धक, सेवानिवृत पंजाब नेशनल बैंक 179, मीरपुर. कैण्ट,कानपुर - 208004 ईमेल - ahidrisi1005@gmail.com मो. 9795772415