कविता

बस तुम्हारी हँसी !!!

कुछ कीमती था तो मेरे लिए
बस तुम्‍हारी हँसी,
ना आँसुओं की कीमत मत पूछना
ये तो अनमोल हैं
नहीं चाहता मैं तुम इन्‍हें
किसी भी कीमत पर यूँ बह जाने दो !

कुछ शब्‍द मुहब्‍बत की किताब में
बहुत ही कीमती होते हैं
जिनके होने से कभी लगता ही नहीं
कि जिन्‍दगी अभावों में है
शर्त यह है कि
जिन्‍दगी का हर वर्का
इस किताब में सजि़ल्‍द हो !!

जब भी पढ़ा हर बार मुझे जिन्‍दगी
बस मुस्‍कराती सी लगी
तब मैने जाना
इसकी अहमियत को
बस तभी से
हर लम्‍हा इसके नाम कर दिया !!!

सीमा सिंघल 'सदा'

जन्म स्थान :* रीवा (मध्यप्रदेश) *शिक्षा :* एम.ए. (राजनीति शास्त्र) *लेखन : *आकाशवाणी रीवा से प्रसारण तो कभी पत्र-पत्रिकाओ में प्रकाशित होते हुए मेरी कवितायेँ आप तक पहुँचती रहीं..सन 2009 से ब्लॉग जगत में ‘सदा’ के नाम से सक्रिय । *काव्य संग्रह : अर्पिता साझा काव्य संकलन, अनुगूंज, शब्दों के अरण्य में, हमारा शहर, बालार्क . *मेरी कलम : सन्नाटा बोलता है जब शब्द जन्म लेते हैं कुछ शब्द उतरते हैं उंगलियों का सहारा लेकर कागज़ की कश्ती में नन्हें कदमों से 'सदा' के लिए ... ब्लॉग : http://sadalikhna.blogspot.in/ ई-मेल : sssinghals@gmail.com

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