कविता

रात भर

तारों के नीचे बैठीं ,सपने सजाती रात भर ।
ओंस की आगोश में, मदहोश रही रात भर ।।
ढूंढ़ती हूॅ॑ खुद को ,खुद की आवाज में ।
आॅ॑खों में सुरमई, ख्वाब लिए रात भर ।।
जिस्म की लम्स में, शव सी पड़ी ।
कोई तो मखमली सी, आवाज दें ।।
सन्नाटें के शोर में,हवाओं ने छेड़ा रातभर ।
 कोई तो जगाएं इन, सपनों को राग से ।।”
— रेशमा त्रिपाठी

रेशमा त्रिपाठी

नाम– रेशमा त्रिपाठी जिला –प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश शिक्षा–बीएड,बीटीसी,टीईटी, हिन्दी भाषा साहित्य से जेआरएफ। रूचि– गीत ,कहानी,लेख का कार्य प्रकाशित कविताएं– राष्ट्रीय मासिक पत्रिका पत्रकार सुमन,सृजन सरिता त्रैमासिक पत्रिका,हिन्द चक्र मासिक पत्रिका, युवा गौरव समाचार पत्र, युग प्रवर्तकसमाचार पत्र, पालीवाल समाचार पत्र, अवधदूत साप्ताहिक समाचार पत्र आदि में लगातार कविताएं प्रकाशित हो रही हैं ।