कविता

शुभ नवरात्रि

नवरात्रि माँ के लिये श्रद्धा सुमन :—

हे जगतजननी माँ 

हे माँ तेरी मोहनी छवि निहारूं 

 सुधबुध बिसरा कर तेरे गुण गाऊं ।

ऐसी लगन लगाओ मैया तेरा नाम पुकारूं 

मैया-मैया रटते अपनी सुधि बिसराऊँ।

 ध्यान लगाओ ऐसी माता मैं बेटी बन जाऊं 

हँसी उड़ायें दुनिया वाले मैं पगली कहलाऊं।

तंत्र-मंत्र का ज्ञान नहीं सुमिरन बस कर पाऊं।

भाव से करूँ पूजा श्रद्धा से नतमस्तक हो जाउं।

सुमिरन तेरा करते करते तुझमें लीन हो जाऊँ

इतनी सी भक्ति देना माँ माँ रटती रह जाऊँ।

भाव की भुखी मेरी जननी मैं बालक बन जाऊँ 

मैया मैया रटते रटते भवसागर तर जाऊँ ।

— आरती रॉय

 

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com