कविता

“तुमको सोचूं तो”

तुमको सोचूं तो
जैसे प्यासे को पानी
कृष्ण की मीरा दीवानी
जेठ की दुपहरी में पीपल की छाव
हरी भरी लहलहाती फसल
खेलता कूदता बचपन का गांव

तुमको सोचूं तो
जैसे राही की मंजिल
खूबसूरती बढ़ाने वाला तिल
दौड़ती भागती जिंदगी का ठहराव
अल्हड़ मदमस्त जवानी
जीवन हंसते खेलते जीने का चाव

तुमको सोचूं तो
जैसे हरा पीला वसन्त
कोयल की कूक दिग दिगन्त
शिवाले की घंटी की शोर
अक्षत कुमकुम पूजा की थाल
नाचता मन का मोर

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :raj444singhgkp@gmail.com