रंग मंच के पात्र निभाकर…
रंग मंच के पात्र निभाकर, निज किरदार चले जाएंगे।
कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे।।
मिलन वियोग प्रेम रुसवाई, जगमग उजियारे गहरा तम।
जीवन में सब कुछ आना है, आँसू हँसी महफिलें मातम।।
जीत यहाँ पर सब कुछ आख़िर, सब कुछ हार चले
जाएंगे…
कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे…
इतिहासी पन्ने बोलेंगे, जब दुनिया पर संकट आया।
किसने साधा स्वार्थ स्वयं का, किसने अपना धर्म निभाया।।
अमर रहेंगे जो जीवन पर, जीवन वार चले जाएंगे…
कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे…
जीवन का पर्दा गिरने तक, आत्म कथा पूरी होने तक।
रंग मंच पर रहना होगा, साँसों की गिनती होने तक।।
कितनी आँखों को अश्कों की, देकर धार चले जाएंगे…
कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे…
अपने मन से तय करने का, किसको कब अधिकार मिला है
सबको वही निभाना है जो, विधिना से किरदार मिला है।।
कुछ के हिस्से अपयश तो कुछ, पाकर प्यार चले जाएंगे…
कौन यहाँ रहने वाला है, सब उस पार चले जाएंगे…
सतीश बंसल
०३.०४.२०२०