गीत/नवगीत

काल करोना को सब मिलकर आज हरायें

शासन के संग अनुशासन को अस्त्र बनायें
काल करोना को सब मिलकर आज हरायें

है ऐसा वह कौन धुरंथर, जो ना हारा
रावण-कंस-से असुरों को,तुमने संहारा
दुश्मन क्या?तुम कालदेव से लड़ सकते हो
नचिकेता बन, यम से भी तुम भिड़ सकते हो
आज कालिया के सिर चढ़कर धूम मचायें
काल करोना को सब मिलकर आज हरायें।1।

तुम जीवन के गीत, अमरता के गायक हो
जन-गण-मन के मीत, सफलता के नायक हो
तुमसे ही तो वीर सिकंदर घबराया था
अँगुली पर गोवरधन ही तो शरमाया था
विश्व-विजेताओं के वंशज, सब मिलकर गायें
काल करोना को सब मिलकर आज हरायें।2।

चलो मृत्यु की दिशा, काल की चाल बदल दें
गौतम-सा तप धारण कर, हम हाल बदल दें
हम संयम के साधक हैं, हम व्रतधारी हैं
हम दृढ़ प्रतिज्ञ भीष्म के पोते, सद्चारी हैं
आओ भारत को फिर हम शिरमौर बनायें
काल करोना को सब मिलकर आज हरायें।3।

— शरद सुनेरी