कविता

कोरोना

किस कदर ये कोरोना का आना हुआ
किस कदर ये कोरोना का जाना होगा

ये तो चीनी के बंदिसो से फैला हुआ
आकर भारत में शोर खूब मचा रहा
सोशल डिस्टेंस है इसका दवा सही
मौत के गाल में जो फँसा हुआ
किस कदर ये कोरोना का आना हुआ
किस कदर ये कोरोना का जाना होगा।

ऐसी विकसित देशों की क्या हालत हुई
सुनने वालों का दिल मानो थम सा गई
मर गए मिट गए हम वतन के लिए
अपनी आजादी को नमन करते रहे
किस कदर ये कोरोना का आना हुआ
किस कदर ये कोरोना का जाना होगा।

हर नई एक कलियां संजोये हुए
हर नया एक भेाैरा गुंजाते हुए
धन्य धन्य ये भारत माता तुम्हें
तूने ऐसे सपूतों को जन्म दिया
किस कदर ये कोरोना का आना हुआ
किस कदर ये कोरोना का जाना हुआ।

— विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।