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डिजिटल सेतु के सुदृढ़ स्तंभ गुरमैल भाई, दोहरी बधाई

सबसे पहले हम डिजिटल सेतु के सुदृढ़ स्तंभ गुरमैल भाई को दोहरी बधाई देते चलें. आज 14 अप्रैल गुरमैल भाई का जन्मदिन भी है और विवाह की सालगिरह भी. जन्मदिन और विवाह की सालगिरह साथ-साथ? भई वाह!
गुरमैल भाई, आपको सपरिवार जन्मदिन की बधाइयां और शुभकामनाएं-
”फूल खिलते रहें जिंदगी की राहों में,
हंसी चमकती रहे आपकी निगाहों में,
कदम-कदम पर मिले खुशी की बहार आपको,
दिल देता है यही दुआ जन्मदिन पर आपको.”

प्रिय गुरमैल भाई और कुलवंत जी, आपको विवाह की सालगिरह की बधाइयां और शुभकामनाएं-
”शादी की सालगिरह मुबारक हो,
यादों-वादों का सुहाना सफर मुबारक हो,
रहे खुशहाल-मंगलमय सदा ज़िंदगी,
आपसी प्यार, समर्पण और सुंदर तालमेल मुबारक हो.”

अब बात करते हैं सेतु या डिजिटल सेतु की-

सेतु यानी पुल की आवश्यकता कितनी महत्त्वपूर्ण है, यह हम सब जानते हैं. दो छोरों को मिलाने के लिए पुल की आवश्यकता पड़ती है, वे दो छोर भले ही किसी नदी-नाले-समुद्र के हों या फिर किसी फासले को पाटने के लिए पुल यानी सेतु की आवश्यकता पड़ती है.

‘राम सेतु’ से तो आप परिचित हैं ही. भगवान श्री राम द्वारा रावण की लंका तक पहुंचने के लिए इस सेतु का निर्माण किया गया.

लॉकडाउन की इस लंबी अवधि में, जो और अधिक लंबी हो सकती है, में सेतु कैसे-कैसे रंग जमा सकता है, यह हमने देखा दूरदर्शन के ‘संगीत सेतु’ कार्यक्रम में. येसुदास ने यू एस.ए. से अपने संगीत वीडियो के साथ हमारा मनोरंजन किया तो कुमार सानू ने दुबई से. आशा भोंसले से लेकर फिल्मी दुनिया की अनेक हस्तियों ने अपने घर से ही शानदार-जानदार वीडियोज़ बनाकर भेजे और अक्षय कुमार द्वारा उसकी शानदार-जानदार प्रस्तुति की गई. लॉकडाउन का फासला भी जारी रहा, नया सृजन भी हुआ और देश-दुनिया को मिला बिना किसी ताम-झाम और अपव्यय के एक अनोखा अनुभव.

इस बार नवरात्रि महोत्सव भी लॉकडाउन के दौरान आया. हमने ‘नवरात्रि सेतु’ का आयोजन किया, अपने-अपने वीडियोज बनाकर एक दूसरे को भेजते रहे और मैय्या के भजनों का आनंद लेते रहे. कोरोना की त्रासदी का यह भी एक अनूठा प्रयास था, जो अब तक जारी है.

कोरोना की त्रासदी में ‘आरोग्य सेतु’ एप लॉन्च किया गया. आरोग्य सेतु एप के लॉन्च होने के कुछ ही समय में एक करोड़ से अधिक लोगों ने इसे डाउनलोड किया है. सरकार का यह एप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में मदद करता है. यह ‘आरोग्य सेतु’ लॉकडाउन के पास के रूप में भी काम आ सकता है.

‘डिजिटल सेतु’ की महिमा तो अपरंपार है ही. वैसे भी आजकल हम डिजिटल सेतु के सहारे ही चल रहे हैं, पर लॉकडाउन के दौरान तो यह अपना पूरा जलवा दिखा रहा है. बैंक में पैसे हैं, पर हम निकाल नहीं पा रहे. चिंता की कोई बात नहीं, ‘डिजिटल सेतु’ है न! इसका उपयोग कीजिए और मनचाही खरीदारी और लेन-देन कीजिए. नोटों और चिल्लर से वायरस के संक्रमण के खतरे से भी मुक्ति! बस, समय-समय पर अपने हाथों और मोबाइल आदि को सेनेटाइज़ करते रहिए.

अपना ब्लॉग तो डिजिटल सेतु के बलबूते पर ही चल रहा है. आप अपनी रचना प्रकाशित कीजिए, पल भर में सारी दुनिया तक इसकी पहुंच हो जाती है और देश-विदेश से पाठकों की जानदार-शानदार प्रतिक्रियाएं हाजिर! डिजिटल सेतु यानी ”कलम-दर्शन”. यह ”कलम-दर्शन” शब्द हमारे गुरमैल भाई जी का दिया हुआ शब्द है. वही गुरमैल भाई, जिनका आज जन्मदिन भी है और विवाह की सालगिरह भी.

गुरमैल भाई हमारे ब्लॉग ‘रसलीला’ के लंबे समय से प्रमुख पाठक-कामेंटेटर रहे हैं. 6 साल पहले गुरमैल भाई से हमारी मुलाकात March 12, 2014 के ब्लॉग ‘आज का श्रवणकुमार’ में हुई. उसके बाद कब-कब क्या-क्या हुआ, पूरा इतिहास जानने के लिए आप नीचे लिखे दो ब्लॉग्स अवश्य पढ़िए. इनमें आपको गुरमैल भाई पर अब तक बनी 11 ई.बुक्स का लिंक भी मिल जाएगा. गुरमैल भाई को जानिए और उनके प्रेरणामय जीवन से प्रेरणा लीजिए.

संयोग पर संयोग-4
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/coincidences-galore-4/

जन्मदिन और विवाह की सालगिरह साथ-साथ? भई वाह!
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B9-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A4%BF/

March 12, 2014 से अब तक गुरमैल भाई बराबर हमारे ब्लॉग पर बने रहे. पहले वे केवल पाठक-कामेंटेटर थे, फिर जय विजय मंच के लेखक-ब्लॉगर बन गए. उसके बाद तो उनकी उपलब्धियां शिखर को छूती गईं और अब उनका नाम अनेक मंचों के जानेमाने श्रेष्ठ साहित्यकार की श्रेणी में शुमार किया जाता है.

आप सोच रहे होंगे कि हमारे ब्लॉग पर तो अन्य अनेक धुरंधर पाठक-कामेंटेटर्स भी आते रहते हैं और महफिल जमाए रहते हैं, हमने गुरमैल भाई को ही डिजिटल सेतु के सुदृढ़ स्तंभ की उपाधि से क्यों विभूषित किया! बात ऐसी है कि कुछ सालों से गुरमैल भाई तक अपना ब्लॉग पहुंच ही नहीं पा रहा. स्वास्थ्य नरम-गरम रहते हुए भी, डॉक्टर के नेट पर अधिक न रहने की परामर्श के बावजूद गुरमैल भाई ने हमसे आग्रह किया कि मैं आपके ब्लॉग से जुड़ा रहना चाहता हूं. उनके सप्रेम आग्रह पर हम उनको मेल से ब्लॉग भेज देते हैं और वे मेल से ही जवाब भी देते हैं. हो गया न डिजिटल सेतु पर डिजिटल सेतु!

गुरमैल भाई का यह उत्साह इसी तरह बना रहे और वे स्वस्थ रहते हुए हिंदी-पंजाबी-उर्दू-इंग्लिश में साहित्य-सृजन करते रहें, इसी के साथ ही एक बार पुनः गुरमैल भाई को जन्मदिन और विवाह की सालगिरह की हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “डिजिटल सेतु के सुदृढ़ स्तंभ गुरमैल भाई, दोहरी बधाई

  • लीला तिवानी

    डिजिटल सेतु के सुदृढ़ स्तंभ गुरमैल भाई, आपको जन्मदिन और विवाह की सालगिरह की कोटिशः हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं. हम आपको अपने सम्माननीय पाठक-कामेंटेटर्स की प्रतिक्रियाओं से अवगत कराते रहेंगे. एक बार फिर आपको जन्मदिन और विवाह की सालगिरह की कोटिशः हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं.

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