कविता

मो-मोहब्बत /बा- बातें / ई – इश्क / लड़ाई = मोबाइल

मोहब्बत, बातें, इश्क, लडाई..
जो करना है कर लो भाई।
है तमाम तकनीकों  को समेटे
लघुता में ही प्रभुता सब पा लो।
कहते हैं जिसको हम मोबाइल
बन चुका है अब सबका स्टाइल।
सभी आदतें छूट गई हैं अब
धर लिया हमने जबसे मोबाइल।
बचपन के खिलौने भी वो भूले
बच्चे, बूढ़े, सब हुए मस्तमौले।
 सड़कों पर थामे चलते सब
 दुर्घटनाएं बढती रहतींं हैं अब।
 सेल्फी की तो बात मत पूछो
 युवा पीढ़ी क्या खूब रमाई।
काम सभी उल्टी सीधी करते हैं
मोबाइल ने क्या असर दिखाई ।
— सीमा शर्मा सरोज 

सीमा शर्मा सरोज

आयु - 43 वर्षीय जन्मतिथि - 19 जनवरी 1972 पता - द्वारा श्री कन्हैया लाल जमशेदपुर झारखंड . शिक्षा - स्नात्तक " हिन्दी " आॅनर्स स्नात्तकोत्तर हिंदी (अपूर्ण् ) (इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से) रूचि - आर्ट (पेंटिंग ), कढा़ई ,और पढना -लिखना । लेखन की विधा - निबंध ,कविता ,ग़जल ,मुक्तक आदि। लेखन की शुरूआत - वर्ष् 1991 ई०. निबंध प्रतियोगिता में 1000/₹ का पुरस्कार चेक डा0.जा़किर हुसैन एजुकेशन फाउंडेशन कमिटी से प्राप्त । स्थानीय आकाशवाणी जमशेदपुर (All india radio ,jsr,) से प्रसारित कार्यक्रम "युववाणी " में स्वरचित काव्यपाठ एवं गोष्ठियों में काव्य रचना वाचन । प्रकाशित पुस्तक - "काव्यलोक "द्वारा साझा संगग्रह ( काव्यलोक ९१ ) जिसमें नगर के तमाम साहित्यिकारों की कृतियों संग मेरी भी तीन काव्य रचनाएँ शामिल । पत्रिकाएँ जिनमें मेरी रचनाएँ प्रकाशित हुई ----- * क्रांतिमन्यू * मेरठ से * धालभूम एक्सप्रेस* घाटशिला से * सरस्वती सुमन" * देहरादून से * निर्भिक संदेश *जमशेदपुर से * मंगलदीप * मांटूंगा मुंबई से * जनसत्ता मुंबई में परिचय । फेसबुक पर उडा़न , अल्फाज़ एवं काव्योदय के पटल पर रचनाएँ प्रकाशित