कविता

कविता

मत कर धन दौलत, नाम शोहरत, और बड़े पद, का घमंड सब यहीं पर धरा रह जाना है!
कर सेवा निस्वार्थ भाव से मानव हित में क्योंकि सभी को एक दिन मिट्टी में मिल जाना है!
इस मिट्टी से उपजे फल फूल और अन, इस मिट्टी में ही जन्मे वीर बलिदानी महान है!
इस मिट्टी  ने ही दिए हैं चंद्रशेखर भगत सिंह, सुभाष चंद्र जैसे वीर इसकी महिमा अपरंपार है!
मिट्टी से ही सीखे प्रेम की भाषा मिट्टी ने ही हम सब को देश से प्रेम करना सिखाया है!
भिन्न-भिन्न भाषा वेशभूषा बोली होते हुए भी हम सब एक हैं मिट्टी ने ही बतलाया है!
अगर तुम हो सच्चे देशभक्त, तो देश भक्ति का मान रखते हुए इस मिट्टी का सम्मान करो!
जब तक जिंदा है तब तक यह कुछ ना कुछ देती ही रहेगी हम सबको इस मिट्टी से सब प्यार करो!
— अमित राजपूत

अमित कुमार राजपूत

मैं पत्रकार हूं निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश