कविता

हे ईश्वर ! अब दया करो

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम मुझे जन्म दिये हो ,
मै तेरा अनबुझ बालक हूं ,
तेरे द्वार मै आया हूं ,

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम मेरे दुखों को हरते ,
तुम मेरे सुखों को देते ,
तुम्हीं मेरे पालनहारी हो ,

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम्हारे ही पर यह जीवन चलता ,
तुम्ही पर यह पृथ्वी टिका है ,
तुम जगत के रखवाले हो ,

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम्हीं वायुमंडल को बनाये ,
तुम्हीं पेड़-पौधों को बनाये ,
तुम्हीं इस जगत का अस्तित्व रखे हो ,

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम्हीं विज्ञान को जन्म दिये ,
तुम्हीं साहित्य को अर्पण किये ,
तुम्हीं दुनिया-जहान बनाये ,

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम्हीं कलयुग,द्वापर,त्रेता,सतयुग बनाये ,
तुम्हीं 12 महीना, 7 दिन बनाये ,
तुम्ही जाति- धर्म बनाये ,

हे ईश्वर ! अब दया करो ,
तुम्हीं मंदिर, मस्जिद , चर्च , गुरुद्वारा बनाये ,
तुम्हीं हिंदू, मुस्लिम, सिख , इसाई बनाये ,
सबके दिलो मे ईश्वर की भक्ति जगाये ,

हे ईश्वर ! अब दया करो !

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com