सामाजिक

कोरोना लाकडाउन में सकारात्मक कार्य

मनीषा घर के सारे कार्य बरतन सफाई पोछा स्वयं कर  अपना वज़न नियंत्रण में रख रही है। चन्द्र प्रकाश जी पोते को गणित पढा रहे हैं। मालती बच्चों के साथ केरम लुडो खेलती हैं। कमल ने घर के अव्यवस्थित बगीचे की सफाई कर पौधों को नव जीवन दे दिया है। रुचि ने मम्मी से खाना पकाना सीख लिया है। ममता बहू अपनी मम्मी जी को प्रतिदिन रामायण पढ़ कर सुना रही है। कैलाश वाट्सएप पर विद्यार्थियों को समय प्रबंधन एवं कैरियर चुनाव के टिप्स दे रहा है। नाश्ता एवं भोजन पूरा परिवार एक साथ कर रहा है। परिवार के सदस्यों के बीच पुराने मनमुटाव बातचीत से हल हो गए हैं। पुरानी पुस्तकों को फिर पढ़ा जा रहा है। पत्रिकाएं पुस्तकालय में देने के लिए अलग की जा रही हैं। नगर के अस्पताल में भरती मरीजों के लिए घर में अतिरिक्त खाना बनाकर भेजा जा रहा है। समय नहीं मिलने का अभी कोई बहाना नहीं है इसलिए रिश्तेदारों एवं मित्रों सहेलियों से फोन पर कुशलता के समाचार लिए जा रहे हैं। फास्ट फुड की दुकान बंद होने से बच्चे रसोई में बना भोजन भी खुश होकर खा रहे हैं। पार्लर सिनेमा माल कपड़ों गहनों की दुकानें बंद होने से घर का मासिक बजट नियंत्रण में है। परिवार के सदस्य सादगी के साथ जीकर एक अलग अनुभव प्राप्त कर रहे हैं। परिवार में प्यार स्नेह बढ़ा है एवं झगड़े कम हो गए हैं। इस सूची में अपने अनुभव से कुछ जोड़ कर मुझे वाट्सएप 09461591498 पर भेजें।

— दिलीप भाटिया

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी