गीत/नवगीत

कविता : कोरोना से जूझें

आओ साथी मिल कर ,
हम कोरोना से जूझें ।

जीवन एक संघर्ष है ।
एक विचार-विमर्श है ।
एक तरफ विषाद है ,
दूसरे तरफ हर्ष है ।
समूची धरा रणक्षेत्र हुई ,
हम हिम्मत करके कूदें ।

जग से हिल-मिल जाएँ ।
हर कोई साथ निभाएँ ।
शांति सयंम धैर्य रखें ,
बैरी को मार गिराएँ ।
प्रश्न-उत्तर की श्रृंखला में ,
व्यर्थ पहेली न बूझें ।

लगी आग बूझ जाती है ।
बाढ़ तक सूख जाती है ।
अमावस की आई आँधी ,
स्वयं ही टूट जाती है ।
अपनी रक्षा खातिर भला ,
हम उससे क्या पूछें ?

आओ साथी मिल कर ,
हम कोरोना से जुझें ।

— टीकेश्वर सिन्हा “गब्दीवाला”

टीकेश्वर सिन्हा "गब्दीवाला"

शिक्षक , शासकीय माध्यमिक शाला -- सुरडोंगर. जिला- बालोद (छ.ग.)491230 मोबाईल -- 9753269282.