कविता

शीर्षक-मातृ दिवस (माँ)

माँ तुम करुणा का सागर
तुम्ही मेरा संसार हो।
माँ तुम्ही मेरी गीताLपPपपप
माँ तुम्ही वेदों का ज्ञान हो।
माँ तुम्ही त्रिदेव हो मेरे
माँ तुम्ही ईश आराधन हो।
माँ तुम्ही गंगा, यमुना
तुम्ही तीर्थराज प्रयाग हो ।
वर्ण,शब्द तुम्ही हो मेरी
माँ तुम्ही मेरी शारदा हो।
जल, थल सब तुमसे है मेरे
तुम्ही मेरा  नीला आकाश हो।
संगीत की सरगम तुम मेरी
तुम ही मेरी साज हो।
नींद के सपने तुम हो मेरे
तुम्ही लोरी की तान हो
तुम निराशा में आशा मेरी
तुम जीवन का संचार हो
तुम्ही ही रंग हो मेरे जीवन के
तुमको मेरा नमन स्वीकार हो।

— गरिमा राकेश गौतम

गरिमा राकेश गौतम

गरिमा जेरोक्स & स्टेशनर्स 505 महावीर नगर द्वितीय कोटा राजस्थान mail-garimazerox505@gmail.com Mo.no-7742735100, 6376033207