कविता

शराबी होना पर मजदूर न होना

कोरोना का है कहना !
शराबी होना पर मजदूर न होना
अमेरिका जाना पर भारत में न रहना
खूब रोना पर कुछ न कहना
भूखे रहना और बार बार हाथ धोना..
कोरोना का है कहना !
शराबी होना पर मजदूर न होना
कोटा जाना पर दिल्ली न आना
वरना लाठी खाना और चुप रहना
न रोना और न चिल्लाना
बस यूं ही पड़े रहना..
कोरोना का है कहना !
शराबी होना पर मजदूर न होना
ट्रेन- बस को न कहना और पैदल ही चलना
पटरी पटरी जाना और सो जाना
सहानुभूति पाना और भूल जाना..
कोरोना का है कहना !
शराबी होना पर मजदूर न होना
वोट वोट गुन गुनाना और गाली खाना
न कुछ मांगना और न कुछ कहना
बेबस और लाचार बने रहना..
कोरोना का है कहना !
शराबी होना पर मजदूर न होना…

के.एम. भाई

सामाजिक कार्यकर्त्ता सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक लेखन कई शीर्ष पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित ( शुक्रवार, लमही, स्वतंत्र समाचार, दस्तक, न्यायिक आदि }| कानपुर, उत्तर प्रदेश सं. - 8756011826