सामाजिक

अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस

क्या आप इस पोस्ट के साथ प्रेषित #चित्र_का_अर्थ जानते हैं…?
अगर नहीं…..!!
तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ कर आप अवश्य जान जाएंगे।
कोरोना वायरस के भारत में पैर पसारते ही लॉक डॉउन के चलते ढेरों मजदूर जो अपने घरों से दूर दूसरे देशों ,राज्यों, शहरों में थे अपने घरों को वापस आने को छटपटाने लगे।दूसरे राज्यों में फंसी प्रवासी मजदूरों पर कोरोना संक्रमण के कारण दोहरी मार पड़ रही है। कुछ असुरक्षा की भावना तो कुछ रोटी पानी की किल्लत ने उन्हें घर लौटने को मजबूर कर दिया। इससे एक बात निकल कर आयी कि मुसीबत में हमें अपना घर-परिवार ही याद आता है। यह वही संयुक्त परिवार है जिसमें मां-बाप और बच्चों के साथ दादा-दादी व अन्य घर के सदस्य जैसे- चाचा-चाची, बुआ आदि सभी साथ में रहते हैं और जिन्हे हमने या तो मजबूरी में या फिर स्वार्थ के चलते पीछे छोड़ दिया था और एकल परिवार में रम गए थे। कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें एकल परिवार भी बोझ की तरह लगता है। सिर्फ़ फ़र्ज़ अदायगी कर के वे खुद में डूबे रहते हैं। प्यार और विश्वास खोता जा रहा है। कुल मिलाकर परिवार की अहमियत का अनुभव कराने के लिए हम सभी को इस मुसीबत का शुक्रगुजार होना चाहिए।
#क्यों_मनाया_जाता_है
अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस असल में परिवार की अहमियत को समझाने के लिए मनाया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस’मनाने का उद्देश्य ऐसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना है जिनका संबंध परिवार से होता है। वर्तमान में जिन मुश्किलों का सामना लोगों को करना पड़ा और पलायन किए लोगों की घर वापसी को जिस तरह उनके परिवारों ने लिया उससे इस दिन को मानने की महत्ता आसानी से समझ अा जाती है।
#इतिहास
हर साल 15 मई के दिन विश्व परिवार दिवस ( International Family Day ) मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में संकल्प ए/आरईएस/47/237 के साथ इस दिवस की घोषणा की गई थी। इसके बाद से ये हर साल 15 मई को मनाया जाता है। सबसे पहले विश्व परिवार दिवस संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ( America ) के द्व्रारा मनाना शुरु किया गया था। 15 मई 1994 के दिन पहली बार विश्व परिवार दिवस मनाया गया था। ये दिन लोगों के बीच एक संयुक्त परिवार की अहमियत को दर्शाता है।
#प्रतीक_चिन्ह
विश्व परिवार दिवस का प्रतीक चिन्ह एक हरे रंग का एक गोल घेरा होता है। इसके अंदर एक घर और एक दिल बना हुआ होता है। अर्थात स्वस्थ वातावरण युक्त घर और घर में प्यार से एक साथ मिलकर रहना ।

आशा करती हूं आप उपयुक्त जानकारी और विचारों से संतुष्ट हुए होंगे। आप सभी जिसमें मेरे एक्चुअल से केकर वर्चुअल सदस्य शामिल हैं, को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
— शिप्रा खरे शुक्ला
शैक्षणिक परामर्शदाता

शिप्रा खरे

नाम:- शिप्रा खरे शुक्ला पिता :- स्वर्गीय कपिल देव खरे माता :- श्रीमती लक्ष्मी खरे शिक्षा :- एम.एस.सी,एम.ए, बी.एड, एम.बी.ए लेखन विधाएं:- कहानी /कविता/ गजल/ आलेख/ बाल साहित्य साहित्यिक उपलब्धियाँ :- साहित्यिक समीर दस्तक सहित अन्य पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित, 10 साझा काव्य संग्रह(hindi aur english dono mein ) #छोटा सा भावुक मेरा मन कुछ ना कुछ उकेरा ही करता है पन्नों पर आप मुझे मेरे ब्लाग पर भी पढ़ सकते हैं shipradkhare.blogspot.com ई-मेल - shipradkhare@gmail.com