लेखविज्ञान

अभाज्य संख्याओं से अभाज्य संख्या निकालने के नवीन सूत्र

लॉकडाउन में ‘कोरोना’ के आतंक से स्वयं को बचते हुए एकांतवास हो चुका हूँ, तभी तो गणित की दुनिया के आतंकित संख्या या अब तो इसे ‘कोरोनाइट संख्याएँ’ (Coronait Numbers) भी कह सकते हैं यानी अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers) निकालने के नवीन-सूत्र (New Formula) की खोज मैंने (Sadanand Paul) कर लिया है। ध्यातव्य है, सम्पूर्ण गणितीय संसार अभाज्य संख्याओं से सुपरिचित भी है, तो इनमें उलझने के कारण दु:परिचित भी है । यह तो तयशुदा सच है कि अभाज्य संख्याएँ ‘विषम’ संख्या होती हैं, किंतु 2 को छोड़कर; क्योंकि 2 एकमात्र अभाज्य संख्या है, जो सम है । वहीं सभी विषम संख्याएँ अभाज्य संख्याएँ नहीं होती।

मेरे द्वारा ईजाद किये गए फॉर्मूला यानी यह अभाज्य संख्याओं से ही अभाज्य संख्याओं को जानने व निकालने को लेकर है, यह लॉकडाउन की उपलब्धि कही जा सकती है । लेखन और गणित के प्रति रुचि है । अगर लेखन के कारण ‘लेखक’ कहला सकते हैं, तो गणितीय अन्वेषण के कारण ‘गणितज्ञ’ क्यों नहीं कहला सकता हूँ ! आइये, अभाज्य संख्या जानने या आगामी अभाज्य संख्या जानने के लिए मैंने कुछ प्रमेयों को तलाशा है, यह सूत्रबद्ध है :-

कंडिका- 1

प्रथम से लेकर सभी क्रमिक अभाज्य संख्याओं (Consecutive Prime Numbers) को आपस में गुणा करते हैं,  जहाँ तक के लिए अभाज्य संख्याओं को जानना चाहते हैं, किंतु अंक 5 को इस गुणन में शामिल नहीं करते हैं । याद रहे, प्रथम अभाज्य संख्या 2 अंक है। यथा-

2 × 3
2 × 3 × 7
2 × 3 × 7 × 11
2 × 3 × 7 × 11 × 13
2 × 3 × 7 × 11 × 13 × 17
2 × 3 × 7 × 11 × 13 × 17 × 19

कंडिका- 2

कंडिका- 1 को लेकर प्राप्त गुणनफल में 1 जोड़ते हैं, तो यह अभाज्य संख्या के रूप में प्राप्त होता है। यथा-

2 × 3 = 6 +1 = 7 (अभाज्य संख्या)

कंडिका- 1 से उसी तरह :-

42 + 1 = 43 (अभाज्य संख्या),
462 + 1 = 463 (अभाज्य संख्या),
6006 + 1 = 6007 (अभाज्य संख्या),
102102 + 1 = 102103 (अभाज्य संख्या),
1939938 + 1 = 1939939 (अभाज्य संख्या)

कंडिका- 3

कंडिका-2 को लेकर गुणनफल में 1 जोड़ने पर परिणामी संख्या का इकाई अंक अगर 0, 5 या सम संख्या आए, तो यह सीरीज अभाज्य संख्या नहीं होंगे। इसलिए इसतरह के सीरीज को छोड़ आगामी सीरीज में आएंगे, किंतु क्रमिक अभाज्य संख्याओं के गुणन में किसी भी क्रमिक अभाज्य संख्याओं को गुणा करने से वंचित नहीं करेंगे। यथा-

2 × 3 × 7 × 11 × 13 × 17 × 19 × 23 = 44618574 + 1
= 44618575 में इकाई अंक 5 है, इसलिए यह भाज्य संख्या है।

अब चूंकि अभाज्य संख्या ’23’ के कारण गुणनफल और योगफल से जो संख्या प्राप्त होती है, वह संख्या ‘भाज्य’ होने के बावजूद हम अगले चरण (सीरीज) के लिए ’23’ नामक अभाज्य संख्या का उपयोग निश्चित करेंगे, उसे त्यागेंगे नहीं। यथा-

2 × 3 × 7 × 11 × 13 × 17 × 19 × 23 × 29 = 1293938646 + 1
= 1293938647 अभाज्य संख्या प्राप्त होती है।

कंडिका- 4

इसतरह के सीरीज के सभी गुणनफल भाज्य संख्या होंगे, किंतु उपर्युक्त कंडिकाओं में उद्धृत शर्त्तानुसार गुणनफल में +1 करके ‘अभाज्य संख्या’ तलाशेंगे ! यथा-

2 × 3 × 7 × 11 × 13 × 17 × 19 × 23 × 29 × 31
= 40112098026 + 1 = 40112098027 अभाज्य सं. (PN) है।

2 × 3 × 7 × 11 × 13 × 17 × 19 × 23 × 29 × 31 × 37
= 1484147626962 + 1 = 1484147626963 (PN)

कंडिका- 5

कोई भी संख्या अभाज्य संख्या है या नहीं, इसे जानने के लिए सर्वप्रथम उस संख्या का वर्गमूल निकाल लीजिए । प्राप्त वर्गमूल संख्या में से अगर दशमलव के बाद अंक हो, तो उसे उपयोग में नहीं आते हैं, अपितु दशमलव से पहले जो संख्या आती है, उस संख्या को +1 कर जो संख्या प्राप्त होती है, उस संख्या सहित उनके नीचे की तमाम संख्याओं  से भाज्य करने का प्रयास करते हैं । ज्ञात हो, सम संख्या तथा 0 और 5 ‘इकाई’ अंक वाली संख्या स्वाभाविक है कि वह भाज्य होंगे । इसे छोड़कर अन्य सभी संख्याओं या अंकों से कटाने का प्रयास करेंगे, नहीं विभाजित होते हैं, तो वे संख्या अभाज्य होंगे, यथा-

37 का वर्गमूल = 6.0827625303 में 6 को रखते हैं, फिर 6+1 करते हैं, जो कि 7 प्राप्त होता है । अब 7 सहित उनके नीचे 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7 है, इन अंकों से 37 को विभाजित करने का प्रयास करते हैं, जो कि किसी से नहीं कटते हैं । विदित है, 37 सम संख्या भी नहीं है । इसलिए नियमानुकूल 1, 2, 4, 5, 6 से 37 को नहीं कटाते हैं, यह काम आसान के लिए भी है।

123 का वर्गमूल = 11.0905365064 में 11 रखते हैं, फिर 11+1 करते हैं, जो कि 12 प्राप्त होता है । अब 12 सहित उनके नीचे 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 है, इन अंकों से 123 को विभाजित करने का प्रयास करते हैं, जो कि 3 से कट जाते हैं । विदित है, 123 सम संख्या नहीं है । इसलिए नियमानुकूल 1, 2, 4, 5, 6, 8, 10, 12 से 123 को नहीं कटाते हैं, यह काम आसान के लिए भी है।

कंडिका- 6

आपवादिक स्थितियाँ कंडिका के साथ आबद्ध हो New PN के  लिए नियम और शर्त्तें यथाप्रसंगश: सम्मिलित की जाएगी! उपर्युक्त दृष्टिकोण को कोरोनाइट सूत्र या Coronait Formula भी कह सकते हैं!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.

2 thoughts on “अभाज्य संख्याओं से अभाज्य संख्या निकालने के नवीन सूत्र

  • डाॅ विजय कुमार सिंघल

    अच्छा लेख !

    • डॉ. सदानंद पॉल

      शुभ संध्या सर….
      साधुवाद, सर जी !

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