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ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन

मंडला–  संस्कार भारती, उज्जैन महानगर साहित्य विधा द्वारा सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार शरद जी जोशी की स्मृति में आयोजित ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि  पूर्व एल्डरमैन तथा सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. विमल गर्ग रहे। इस ऑनलाइन कवि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध रंगकर्मी सतीश दवे ने इस प्रकार के आयोजनों को वर्तमान लॉक डाउन की आवश्यकता तथा अनिवार्यता बताया है। विशेष अतिथि के रूप में है संस्कार भारती मालू प्रांत के महामंत्री संगठन रितेश पवार ने इस प्रकार के आयोजन को करने हेतु कार्यकर्ताओं को बधाई दी तथा सभी कवियों को इस अवसर को चुनौती के रूप में स्वीकार करने का आह्वान किया।
कवि गोष्ठी में कवियों ने अपने अपनी रचनाएं पढ़ी जिनमें “मैं मजबूर हूं क्योंकि मैं मजदूर हूं” रचना का पाठ विनोद काबरा ने किया।”अँधेरे में झांककर देखा वहां भी उजाले निकले…….”. रचना का पाठ ओ पी शर्मा ने किया।
मंडला में शासकीय जेएमसी महिला महाविद्यालय में प्राचार्य व सुविख्यात साहित्यकार प्रो.शरद नारायण खरे के सामयिक दोहे बेहद सराहे गए—
  नहीं शेष संवेदना,रोते हैं सब भाव।
  अपने ही देने लगे,अब तो खुलकर घाव ।।
  तोड़ रहे  निज लाभ को,लोग यहां अनुबंध ।
  स्वारथमय अब दिख रहे, सारे ही सम्बन्ध ।।
  दुनिया कैसी हो गई,कैसे हैं अब लोग ।
  पूजा से सब दूर हैं,चाहें केवल भोग ।।”
             प्रोफेसर शरद नारायण खरे  के जीवंत काव्य पाठ के बाद दिलीप जोशी, संजय शर्मा, विजय सिंह पवार, छाया लोखंडे, श्रीमती शीला तोमर ,अनुष्का काबरा, राम प्रकाश गुप्ता, नारायण दास मंगवानी ,अनिल पांचाल, डॉ पी डी शर्मा,मयंक चौहान, दीपक शर्मा, विजय शर्मा इत्यादि ने रचना पाठ किया।
ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का संचालन दुर्गेश सूर्यवंशी ने किया तथा आभार ऑनलाइन गोष्ठी संयोजक आचार्य शैलेंद्र वर्मा ने माना।