शिशुगीत

मोटर कार

पापा ने ली मोटर कार,
मोटर में हैं पहिए चार,
मोटर की पौं-पौं को सुनकर,Great Wall Motor to launch World's Cheapest Electric Car Ora R1 in ...
सैर को मैं होता तैयार.
सड़कों पर चलती है मोटर,
गियर से करती है काम,
करके शान से इसमें सवारी,
मिलता है मुझको आराम.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “मोटर कार

  • मनमोहन कुमार आर्य

    कविता अच्छी लगी। हार्दिक धन्यवाद। सादर नमस्ते जी।

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, रचना पसंद करने, सार्थक व प्रोत्साहक प्रतिक्रिया करके उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन.

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