लघुकथा

अहंकार

रमेश का परिवार काफी गरीब था।घर मे सुख-सुविधाओं का पूर्ण अभाव था।पर वह हमेशा सकारात्मक रहता था।उसकी शिक्षा में गहरी रुचि थी।दूसरी तरफ सुरेश एके धनी परिवार से सम्बन्द्ध रखता था।स्कूल में लेख प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा था।सभी विधार्थी जोर-शोर से तैयारी में जुटे थे।सुरेश को अपनी तैयारी पर बड़ा अहंकार था।वह सभी से कह रह था।प्रथम स्थान वही प्राप्त करेगा।सुरेश के माता-पिता भी उसकी सफलता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे।उन्हें पूरा भरोसा था कि सुरेश ही प्रथम स्थान प्राप्त करेगा।
सभी विद्यार्थियों ने सुन्दर लेख लिखे। प्रतियोगिता का परिणाम घोषित होने वाला था।सुरेश अहंकार से भरा हुआ था।
रमेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।सभी उसे बधाई दे रहे थे।पर वह सहज था।सुरेश का अहंकार टूट चुका था।वह अपने अहंकार के कारण हार गया था।वह मन ही मन पछता रहा था।

— राकेश कुमार तगाला

राकेश कुमार तगाला

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