बाल कविता

बाल कविता – बनें कोरोना विजेता

कोरोना है बड़ा खुर्राट
लॉक हो या अनलॉक
बेजरूरत ना निकलो घर से
अपनी सुरक्षा अपने हाथ
हाथ में हो सदा एक मास्क
नहीं तो एक हो बड़ा रुमाल
चेहरा न हो उघड़ा बाहर
अपनी सुरक्षा अपने हाथ
दादाजी हों या हों नानाजी
दादीजी हों या हों नानीजी
छोटे बच्चों करो ना हठ
परेशान हैं बाबूजी व अम्माजी
पुलिस हो या हो डॉक्टर
सफाईवाला हो या हो नर्स
ये सब हैं बड़े कोरोना योद्धा
इनके सहयोगीबने ड्राइवर
दूर दूर रहना रखना याद
बन एक दूजे के मददगार
हम सब बनें कोरोना विजेता
बन नियमो के पालनहार

— मंजु शर्मा