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फेमिनिज्म की मॉडर्न कथा !

अगर अंतर नहीं है, तो समाज ‘एक को ऊँची’ और दूजे को ‘नीची नजरों’ से क्यों देखते हैं ?जहाँ ‘स्त्रियों’ का आदर होता है , वहाँ ‘देवताओं’ का निवास होता है । मेरा सवाल यह है कि– ‘देवियों’ का निवास वहाँ क्यों नहीं होता ?

365 दिन में काफी ‘दिवस’ को ‘विशेष दिवस’ के रूप में मनाते हैं, क्यों न इन दिवसों में एक दिन ‘वेश्या प्रथा समाप्ति’ के लिए भी ‘विशेष’ हो ! पुरुषप्रधान समाज की अवधारणा में पुरुष ने यौनिक सुख पाने के लिए स्त्री को इस प्रथा की ओर लोभ-लालच देकर धकेला ! लेकिन दुनिया की सभ्यताई शुरुआत से ही ममतामयी माँ होने के बावजूद ‘स्त्री’ को धन या लक्ष्मी कहकर उन्हें अलंकृत किया, अबला स्त्री मर्द के बहकावे में आ गयी।

लोग फेमिनिज्म की बात करते हुए ‘पत्नियों पर नोट्स’ लिख डाले हैं । आखिर क्यों जरूरत पड़ी — पत्नियों पर नोट्स लिखने की ? शादी ही नहीं करते ! यानि इच्छा भी और नोट्स भी !! एक वर्ग ऐसा भी है, जो कि ‘पौरोणिक-कथा’ लिखते हुए ‘पुरुषप्रधान’ समाज की व्याख्या कर बैठते हैं ! क्या उन्हें आज का उदाहरण नहीं नजर आता !! 100 में 100 प्रतिशत कोई सही नहीं रहता है, न महिलाएं , न पुरुष ! क्योंकि पुरुष मानसिक विद्रूपता लिए शारीरिक हवस पूरा करने के लिए बेटी, बहन, पत्नी और माँ तक को ‘वेश्या’ बना बैठते हैं ! वहीं कई महिलाएं भी ‘जिगोलो’ को ढूढ़ती फिरती हैं । पति से काफी समय से दूर रही महिलाएँ सतीत्व खो बैठती हैं।

यदि ऐसे ही दोनों विरोधी होते रहे हैं, फिर शादियाँ क्यों करते है ? क्या कामुक दोनों लिंगधारक होते हैं ? क्या आग दोनों तरफ लगी रहती है ? तब फिर कोई एक दोषी क्यों ?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.