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बहन की पीड़ा

क्या रक्षा बंधन सिर्फ बहनों की कर्तव्यपरायणता की ही कहानी है, भाइयों को बहन द्वारा ऐसे करने के बाद ही सुरक्षा प्राप्त होना कुछ ज्यादा कथ्यकारक तो नहीं ! छुटकू होने के नाते बचपन से ही मुझे मेरी बहनों ने न केवल सुरक्षित रखा, अपितु आज जब कैसी भी मुसीबत आती है, तो वे ढाल बन कर मेरी सुरक्षा प्रदान करती हैं ।

लगभग 13 सालों से मैं अपनी बहनों को राखी बांधता रहा हूँ, ताकि वे मेरी रक्षा यूँ ही करती रहे ! कुछ लोग शायद मुझे स्वार्थी कह सकते हैं, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता, क्योंकि अगर ऐसा होता तब तो कोई माँ अपने बच्चों की रक्षा के लिए जो कार्य करतीं, तब उनकी कृत्य भी स्वार्थीसिद्धि की परिभाषा में गिना जाता !

क्यों न इस रक्षा बंधन में आप भी अपनी बहनों को राखी बांधे और उसे खूब प्रचारित-प्रसारित करें, क्योंकि किसी-न-किसी मोड़ पर वो आपकी रक्षा जरूर करती हैं, चाहे बहन का रिश्ता ‘रक्त’ से जुड़ा हो या न हो ?

 

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.