सामाजिक

महामारी में कर्मचारियों को सैलरी न देना दु:खद

आज पूरा विश्व कोरोना महामारी का दंश झेल रहा है! जहां इस महामारी ने लाखों लोगों को बीमार कर दिया है वहीं इस महामारी ने लाखों लोगों की जान भी ले ली है! लाखों-करोड़ों लोग परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं! कहते हैं अगर व्यक्ति को समय पर जीवन निर्वाह हेतु  रोटी कपड़ा और मकान मिल जाए तो वह अपना और अपने परिवार का जीवन निर्वाह कर सकता है! किंतु इन सब चीजों को पाने के लिए एक रोजगार की आवश्यकता होती है! जहां से प्राप्त धन या सैलरी के माध्यम से वह आसानी से रोटी कपड़ा और मकान व भिन्न-भिन्न प्रकार के विकल्प जो जीवन निर्वाह में आवश्यक है प्राप्त कर लेता है! किंतु आज परिस्थितियां बदल चुकी है, क्योंकि आज लाखों-करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं, और कंपनियां व उद्योग अपने कर्मचारियों को निकालने लगे हैं, व उनकी सैलरी भी नहीं दे रहे! जमीनी तौर पर देखा जाए तो हम लोग इसका अनुमान भी नहीं लगा  सकते कि कितने लोग बेरोजगार हो गए हैं! ऐसे में पीड़ित व्यक्ति अपनी व्यथा किस से कहें और किसको सुनाएं! भारत में अब से कुछ दिन पहले भारत सरकार ने कुछ नियम लागू किए थे! जिसमें प्रमुखता से सरकार ने यह आग्रह किया था कि, सक्षम कंपनियां व उद्योग अपने कर्मचारियों का ऐसे समय में वेतन ना काटे और ना ही उन्हें नौकरी से निकाले!प्रथम महीने तो सब कुछ ठीक-ठाक चला ,और प्रथम महीने में तो ज्यादातर उद्योगों और कंपनियों ने सैलरी भी दे दी! किंतु अब ज्यादातर  कंपनियां और उधोग अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे रहे हैं! और यदि कोई व्यक्ति सैलरी की मांग कर रहा है तो उसे कंपनी व उद्योग से निकाल दे रहे हैं! सरकार ने कुछ विभिन्न प्रकार के पैकेज कंपनियों व उद्योगों को उपलब्ध कराएं हैं! यही नहीं बल्कि ईपीएफओ इत्यादि में भी बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई है! किंतु फिर भी जमीनी तौर पर देखा जाए तो, व्यक्ति को सैलरी ही नहीं मिलेगी तो वह अपना जीवन निर्वाह कैसे करेगा! उन उद्योगों और कंपनियों को तो हम कुछ नहीं कह सकते जो सैलरी देने में सक्षम नहीं हैं जो खुद बंद होने की कगार पर है ,और  उनके हाल  खुद खस्ता है! किंतु उन उद्योगों  व कंपनियों का क्या जो सक्षम है जिन्होंने अब तक ना जाने कितना अरबों खरबों रुपए कमा कर जमा किए हुए हैं! क्या वह अपने कर्मचारियों को ऐसे समय में सैलरी उपलब्ध नहीं करा सकते! यदि सक्षम उद्योग व कंपनियां अपने कर्मचारियों का ध्यान नहीं रखेगी तो वह कर्मचारी कहां जाएगा जिस ने तन मन से इस कंपनी व उद्योग के लिए कार्य किया है ! अब धीरे-धीरे कंपनियों व उद्योगों में से कर्मचारियों का निकाला जाना प्रारंभ हो चुका है! ज्यादा कंपनियां  व उद्योग यह कहकर पल्ला झाड़ रही है कि, जब हम कार्य ही नहीं कर रहे और हमें कुछ प्रॉफिट नहीं हो रहा ,तो हम अपने कर्मचारियों को सैलरी क्यों दें! कंपनियां और उद्योगों का यह कहना कोई विकल्प नहीं हुआ! ऐसे में पीड़ित व्यक्ति पर एक ही विकल्प बचता है वह है सरकार, जो उनकी समस्या का समाधान कर सकती है! हम सभी को इस विषय पर संज्ञान लेते हुए सरकार से आग्रह करना चाहिए कि वह भिन्न-भिन्न कंपनियों व उद्योगों को आर्थिक सहायता प्राप्त कराएं!तथा सभी कंपनियों व उद्योगों को निर्देश दे कि वह अपने कर्मचारियों को इस समय नौकरी से ना निकाले वह समय पर सभी को सैलरी उपलब्ध कराएं, जिससे कि कर्मचारी सैलरी प्राप्त कर अपने परिवार का जीवन निर्वाह कर सकें! यदि ऐसा करने में सरकार सहायक सिद्ध हुई तो,एक बहुत बड़ा वर्ग जो भिन्न-भिन्न कंपनी व उद्योगो इत्यादि में सैलरी ना मिलने से परेशान और बेरोजगार हो चुका है! आप का सदैव आभारी रहेगा!
— अमित राजपूत

अमित कुमार राजपूत

मैं पत्रकार हूं निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश