लघुकथा

लक्ष्य

लक्ष्य
आप बहुत थक गए हो, इतनी मेहनत क्यों करते हो?भगवान दो समय की रोटी तो दे ही रहा है।फिर आप,जी तोड़ मेहनत करके अपने शरीर का नाश क्यों कर रहे हो?कमली जवानी में मेहनत से घबराकर बैठ गया तो बुढ़ापे के लिए कुछ भी जोड़ नहीं पाऊँगा।तुम तो जानती हो आजकल औलाद का कोई भरोसा नहीं है।समय बदल रहा है।अब बच्चे बड़े होकर अपनी गृहस्थी में ऐसे खो जाते हैं।उन्हें माँ बाप की सुध कहाँ रहती हैं?माँ बाप बुढ़ापे में बोझ लगते हैं।
पर हमारा तो एक ही बेटा है, वह हमसे दूर नहीं रह सकता।काश ऐसा ही हो।अच्छा कमली,जल्दी खाना दो,सब्जी का ढेला लेकर जाना है।अभी तो आए हो,थोड़ा आराम कर लो।नही-नही सब्जी का काम बड़ा कच्चा होता है ।जो सब्जी आज बच गई, कल खराब हो जाएगी।यह तो सही बात है।कमली ने ठण्डी आह भर कर कहा।
कमली,सागर कहाँ है?यही कहीं खेल रहा होगा?सारा दिन खेलता-कूदता रहता है।दसवीं की परीक्षा है,सभी बच्चें मेहनत कर रहे हैं और इसका ध्यान पढ़ाई में लगता नहीं है।
सागर ,बेटा तुम्हारा मन पढ़ाई में नहीं लगता है।कहाँ खोए रहते हो?पापा में पास हो जाऊँगा।फिर आपकी मदद करूँगा।मैं भी सब्जी का ढेला लगाऊंगा, आपकी तरह ।चुप कर,क्या मैं रात दिन इसलिए काम करता हूँ कि तू भी मेरी तरह मजदूरी करें?अपना लक्ष्य बनाओ,कुछ बड़ा काम करो।पापा दसवीं पास कर लूंगा, इससे बड़ा लक्ष्य क्या होगा?दसवीं पास करो, प्रथम आने का लक्ष्य बनाओ।पापा ये तो बहुत कठिन है।बेटा, कठिनाई तो जीवन का हिस्सा है।
आसान तो कुछ भी नहीं होता, जीवन में।क्या सब्जी बेचना आसान काम है? सागर ने कोई उत्तर नहीं दिया।वह चुपचाप वहाँ से चला गया?उस दिन उसने अपने पापा के बारे में सोचा। उसने भी कठिन परिश्रम करना शुरू कर दिया।छह माह बाद आज उसका परीक्षा परिणाम घोषित हुआ।सागर पूरे राज्य में प्रथम आया था।उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने पापा को दिया।जब सभी ने उससे इस सफलता का राज जानना चाहा।तो उसने हँसते हुए कहा,लक्ष्य बनाओ और जुट जाओ।अगले दिन के अखबार में, सागर की फ़ोटो छपी थी।एक सब्जी वाले के साथ और बड़े बड़े अक्षरों में लिखा था। लक्ष्य बनाओ और जुट जाओ,दोस्तो।
राकेश कुमार तगाला
पानीपत (हरियाणा)
Whatsapp n 7206316638
Email tagala 269@gmail.com

राकेश कुमार तगाला

1006/13 ए,महावीर कॉलोनी पानीपत-132103 हरियाणा Whatsapp no 7206316638 E-mail: tagala269@gmail.com

2 thoughts on “लक्ष्य

  • राकेश कुमार तगाला

    सर जी।आपका आभार।

  • अनंत पुरोहित 'अनंत'

    सुन्दर प्रेरणा दायक कहानी

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