कविता

जिंदगी विपदनामा

किशोरियों में

मदर टेरेसा कोई भी बनना नहीं चाहती

मेरी कॉम इक्की-दुक्की ही बनना चाहती

इंदिरा गोस्वामी, अमृता प्रीतम, महाश्वेता देवी बनना तो दूर

उसे जानती तक नहीं

पर मिस इंडिया, मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स

या श्रद्धा, कृति या आलिया को ही तकती रहती

और कमजोर इच्छाशक्ति के सुशांत को चाहती

और जो नहीं मिल पाए यानी सलमान, प्रभाष, शाहिद को चाहेंगी !

यह तो किशोरीलीला है,

किन्तु

युवकों में उच्च शिक्षा पाए

कितने साथी हैं हमारे

क्या हमारी चादरों की लंबाई

पाँव से बाहर होकर आवारागर्दी करने में है

हम शॉर्टकट चाहते हैं,

सामने की अट्टालिका निहारते हैं

स्वयं तो कुछ करते नहीं,

बस दूसरे की छाती और नितंब निहारते हैं

हाँ, 84 लाख योनियों में

‘मानव’ ही ऐसा कर सकते हैं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.